एक देश, एक चुनाव / मोदी की बैठक में राकांपा, नेकां, बीजद नेता पहुंचे; शिवसेना, बसपा, सपा और तृणमूल शामिल नहीं
Jun 19, 2019 | PRATIRODH BUREAU- बैठक में पीडीपी नेता महबूूबा मुफ्ती, वाइएसआर के जगन मोहन रेड्डी, लेफ्ट नेता सीता राम येचुरी भी शामिल हुए
- मोदी ने 20 जून को लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को बैठक के साथ रात्रिभोज का आमंत्रण दिया
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल, बीजद प्रमुख नवीन पटनायक, पीडीपी नेता महबूूबा मुफ्ती, वाइएसआर के जगन मोहन रेड्डी, लेफ्ट नेता सीता राम येचुरी ने हिस्सा लिया।
उधर, कांग्रेस, सपा, शिवसेना, बसपा, द्रमुक, तेदेपा और तृणमूल का कोई भी नेता बैठक में शामिल नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल चीफ ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती ने भी बैठक में शामिल होने से पहले ही इनकार कर दिया था। लेफ्ट नेता सीता राम येचुरी और डी राजा मोदी की बुलाई इस बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने एक देश एक चुनाव के मुद्दे का विरोध किया।
ईवीएम पर बैठक बुलाते तो इसमें शामिल होते- मायावती
इससे पहले मायावती ने ट्वीट किया कि ईवीएम को लेकर बैठक बुलाई जाती तो वे उसमें शामिल होतीं।
बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है। ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती।
— Mayawati (@Mayawati) June 19, 2019
जनता से किए वादे पूरा करें मोदी- अखिलेश
बैठक को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी को उन वादों पर फोकस करना चाहिए जो उन्होंने जनता से किए हैं। मुझे आशा है कि वे उन वादों को पूरा करने के लिए काम करेंगे। एक देश एक चुनाव जैसे मुद्दों पर कई पार्टियां कभी तैयार नहीं होंगी।
ममता ने कहा- सरकार पहले श्वेत पत्र तैयार करे
ममता ने मंगलवार को संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मुद्दे पर जल्दबाजी न करने और श्वेत-पत्र तैयार करने की बात कही है ताकि सभी प्रमुख नेता श्वेत पत्र पर अपने विचार व्यक्त कर सकें। इसके लिए सभी को पर्याप्त समय भी देना चाहिए। ममता ने यह भी कहा कि अगर आप (मोदी) ऐसा करते हैं, तभी हम सब इस विषय पर अपने सुझाव दे सकेंगे।