Skip to content
Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Primary Menu Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us
  • Featured

हज सब्सिडी ख़त्म करने का स्वागत करें मुसलमान

May 16, 2012 | अफ़रोज़ आलम 'साहिल'

हज सब्सिडी ख़त्म किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सब मुसलमानों को स्वागत करना चाहिए, क्योंकि सब्सिडी का लाभ मुसलमान नहीं, सरकारी अधिकारी उठा रहे थे. अब उनकी चिंताएं बढ़ जाएगीं, क्योंकि बेचारे अब घोटाला नहीं कर पाएंगे. दरअसल, हज सब्सिडी वह सब्ज़-बाग़ है, जिसे सरकार दिखाती तो मुसलमानों को है, लेकिन उसके फल खुद ही डकार जाती है. जी हां! हज सब्सिडी के नाम पर पिछले दस साल में इस देश में हजारों करोड़ का घोटाला हुआ है.

 
हज सब्सिडी पर जब भी बात होती है तो पहला सवाल यह उठता है कि क्या धर्मनिरपेक्ष देश में किसी धर्म-विशेष को विशेष सरकारी राहत दी जानी सही है? मुसलमानों को दी जाने वाली हज सब्सिडी राजनीतिक बहस का विषय है. अक्सर इन सब्सिडी को लेकर बहुसंख्यक समुदाय कड़ी टिप्पणी भी करता है, लेकिन हज सब्सिडी की वास्तविकता यह है कि इससे मुसलमानों को कम सरकार को फायदा ज़्यादा होता है. अगर हम पिछले दस साल की हज सब्सिडी के आंकड़े पर नज़र डालें तो समझ में आएगा कि यह केवल सरकारी भ्रष्टाचार का ज़रिया भर बनकर रह गई है. कितनी दुखद बात है कि मुसलमानों के जीवन में हज एक बार अनिवार्य है. हज जाने के लिए मुसलमान दिन रात तरसता हैं. वर्षों मेहनत करता है, ताकि एक बार जीवन में मक्का जाकर अपने दायित्व को पूरा कर सके, लेकिन उसका यह हज भी अब भ्रष्टाचार की शिकार है, बल्कि इस संबंध में इतनी धांधलियाँ और भ्रष्टाचार है कि उस पर जितना लिखा जाए शायद वह कम होगी.   
 
ग़ौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में एक स्पेशल लीब पेटिशन (एस. एल. पी.) हज सब्सिडी और निजी टूर संचालक को हज कोटा को लेकर मुंबई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ विदेश मंत्रालय की ओर से दायर की गई थी,जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने पी. आई. एल. में तब्दील कर दिया. इसके बाद मुंबई की मुवमेन्ट फॉर पीस एंड जस्टिस (एम. पी. जे.) ने इस मामले में हस्तक्षेप की. इसी केस में विदेश मंत्रालय के सचिव विवेक जेफ ने सरकार द्वारा हज सब्सिडी और हज से संबंधित अन्य कार्यों के बारे में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया. इस हलफनामा में हज सब्सिडी की पूरी जानकारी मौजूद थी. उसके सब्सिडी के यह आंकड़े हमें चौंका देने के लिए काफी थे, क्योंकि सूचना के अधिकार के माध्यम से मुझे जो जानकारी दी गई थी और इस हलफनामा में जो जानकारी थी, दोनों में थोड़ा-बहुत हेर-फेर था. 
 
हलफनामा के अनुसार 2011 वर्ष में सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी 685 करोड़ रुपये है, लेकिन आरटीआई से मिले कागज़ों में वर्ष 2011 में अदा की गई सब्सिडी 605करोड़ रुपये ही दिखाया गया था. हलफनामा और आरटीआई से मिले कागज़ों में 80करोड़ रुपये का अंतर हज सब्सिडी के नाम पर सरकार के घोटाले की एक नए प्रकरण की ओर संकेत कर रहा था. विदेश मंत्रालय या तो सुप्रीम कोर्ट से झूठ बोल रही है या फिर भारतीय जनता को बेवक़ूफ बना रही है.   
 
मैं आपको बताता चलूं कि पिछले साल2011 में 124921 हाजी हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से हज के लिए गए थे. सरकार की ओर से हवाई यात्रा किराए पर प्रति हाजी 38,800 की सब्सिडी अदा की गई. इस लिहाज से सब्सिडी की कुल राशि 484 करोड़ होती है. लेकिन हलफनामा में सरकार का कहना है कि इन सब्सिडी पर 685 करोड़ रुपये खर्च किए गए. अब भारतीय जनता सरकार से यह जानना चाहती है कि 202 करोड़ रुपये कहां खर्च किए गए?
 इस तरह सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामा के अनुसार पिछले पांच सालों में सरकार ने810 करोड़ का जबरदस्त घोटाला किया है. यह अंतर तो सिर्फ कागज़ों में इतना है. वास्तव में जब हम हिसाब लगाने बैठेंगें तो घोटाले का आंकड़ा हजारों करोड़ रुपये में आएगा. क्योंकि हाजियों की संख्या में भी मतभेद हैं. सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामा और आरटीआई से मिली जानकारी अलग अलग आंकड़े पेश करते हैं. 
 
यह ही नहीं. 2008 में सरकार ने प्रति हाजी 60640 रुपये की सब्सिडी दिखाई, जो पहले और बाद के वर्षों से लगभग दुगुना है. भारतीय जनता विदेश मंत्रालय से पूछना चाहता है कि आखिर 2008 में ऐसा क्या हुआ कि मंत्रालय इतनी महंगी दर के साथ इंडियन एयरलाइन को चुनने के लिए मजबूर थी? प्रश्न बेशुमार हैं. उन्हें बताने का कोई फायदा भी नहीं है क्योंकि चुप रहना हमने अपनी आदत बना ली है. फिर भी अगर आंकड़ों के इस घोटाले को देखना चाहते हैं तो उसे हमारी वेबसाइट http://beyondheadlines.in/2012/04/haj-subsidy-scam-where-were-790-crore-spent/ पर देख सकते हैं. बेचारे हमारे साथी इस भ्रम में रहते हैं कि मुसलमानों को सरकार हज करने के लिए सभी सुविधाओं और यात्रा मुफ्त में उपलब्ध कराती है पर सच्चाई आपके सामने है कि सरकार सब्सिडी के नाम पर देश की जनता को बेवक़ूफ बना रही है और हमारे मुस्लिम समाज की विडंबना यह है कि उनका कोई नेता घोटालों और चुभते सवालों को कभी संसद में नहीं उठाता. क्या हमारे राजनेताओं में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो इस घोटाले से देश और देश के राजनेताओं को आगाह कर सके और हो सके तो कोई लड़ाई छेड़ सके?  खैर, इस बार पहल खुद न्यायपालिका ने किया है जिसका हमें स्वागत करना चाहिए. अंत में सवाल यह उठता है कि इन सब्सिडी को तुरंत समाप्त कर दिया जाए या आगे अगले दस सालों तक जारी रखी जाए? तो इसका जवाब यह है कि जो मज़ा हाजियों ने चखा न हो उसे जारी रखना किस काम का? उसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए. 
 
अहले वतन के टैक्स-दाताओं की हर साल करोड़ों रुपये किसी विशेष समुदाय की धार्मिक अदायगी के नाम उड़ाना एक संदिग्ध अपराध है और जम्हूरियत की आत्मा के खिलाफ है. हज यात्रियों से अब तक जो सोलह हजार रुपये किराया लिया जाता रहा है, वही बहुत है. इंडिया से जद्दा और वापसी का किराया इंटरनेशनल मारकेट में बहुत कम है और वैसे भी इस्लाम में हज उन्हीं लोगों पर फर्ज़ है जो इसके लिए सक्षम हैं.

Continue Reading

Previous सियासत का गुनाह और बेगुनाहों की सियासत
Next बेगुनाह, आजमगढ़ और सपा सरकार

More Stories

  • Featured

‘Taking Care Of Environment Should Be Part Of Our Daily Lives’

10 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Over 300 Flee Silchar Airport to Avoid Covid Testing

11 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Cong Leader Slams Govt Over Pricing Of Covishield Vaccine

18 hours ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • ‘Taking Care Of Environment Should Be Part Of Our Daily Lives’
  • Over 300 Flee Silchar Airport to Avoid Covid Testing
  • Cong Leader Slams Govt Over Pricing Of Covishield Vaccine
  • Black Teenaged Girl Shot Dead By Police In US
  • O2 Leak Kills 22 In Maha Hospital As Covid Crisis Worsens
  • Protesting Farmers Say Not Blocking O2 Transport To Delhi
  • As PM Urges ‘Lockdowns Only As Last Resort’, What Economists Say
  • George Floyd Death: Chauvin Guilty Of Murder And Manslaughter
  • India Has Opportunity To Lead The World On Climate Change
  • Non-Stop Cremations Cast Doubt On Counting Of Covid Dead
  • 1st ‘Oxygen Express’ Leaves For Vizag With 7 Empty Tankers
  • ‘Centre Using Covid As Excuse To Quell Agitation’
  • Symptoms Post Covid Recovery May Impact Daily Life: Doctors
  • Fight Against Covid, Not With Farmers: SKM To Govt
  • US Nurse Charged For Allegedly Threatening To Kill Kamala Harris
  • Pak Police & Rangers Taken Hostage In Anti-France Protests
  • Farmers’ Union Wants Govt To Start Vax Centres At Protest Sites
  • Memorial For Farmers Who Died During Protests
  • Mumbai’s Famed Lunchmen Struggle As Covid Hits Trade
  • ‘Strong Evidence’ Covid Mainly Spreads Through Air: Lancet

Search

Main Links

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us

Related Stroy

  • Featured

‘Taking Care Of Environment Should Be Part Of Our Daily Lives’

10 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Over 300 Flee Silchar Airport to Avoid Covid Testing

11 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Cong Leader Slams Govt Over Pricing Of Covishield Vaccine

18 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Black Teenaged Girl Shot Dead By Police In US

18 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

O2 Leak Kills 22 In Maha Hospital As Covid Crisis Worsens

1 day ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • ‘Taking Care Of Environment Should Be Part Of Our Daily Lives’
  • Over 300 Flee Silchar Airport to Avoid Covid Testing
  • Cong Leader Slams Govt Over Pricing Of Covishield Vaccine
  • Black Teenaged Girl Shot Dead By Police In US
  • O2 Leak Kills 22 In Maha Hospital As Covid Crisis Worsens
Copyright © All rights reserved. | CoverNews by AF themes.