मुख्तारन माई का दामन दागदारः विकिलीक्स
Aug 13, 2011 | Biswarup Banerjeeपाकिस्तान की मुख्तारन माई क़रीब एक दशक पहले सामुहिक बलात्कार का शिकार बन गई थीं. इस घटना की चर्चा अंतरराष्ट्रीय पटल तक हुई थी और इसके बाद पाकिस्तान में महिलाओं की बदतर और असुरक्षित स्थिति के लिए मुख्तारन माई एक उदाहरण की तरह जानी गई थीं.
न्याय की गुहार लगाकर अपनी आवाज़ को शोषण और अत्याचार के खिलाफ उठाने वाली मुख्तारन माई पर विकिलीक्स के ताज़े खुलासे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
विकिलीक्स ने कहा है कि मुख्तारन माई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय होने के बाद अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया. उनकी आड़ लेकर उनके परिवार के सदस्य स्थानीय समुदाय में दलाल बन गए.
एक अखबार, \\\’न्यूज इंटरनेशनल\\\’ ने इस बाबत अपनी रिपोर्ट में छापा है कि पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत रयान सी. क्रोकर ने वाशिंगटन को भेजे गए केबल में लिखा है कि मुख्तारन माई के गृह जिले मियांवल्ली में उनके परिवार के सदस्य स्थानीय लोगों को उकसा रहे हैं.
इस कूटनीतिक किंतु गोपनीय केबल संदेश में पाकिस्तान के छह गैर-सरकारी संगठनों की रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है. उनके मुताबिक, मुख्तारन माई और उनके भाई हजूर बख्श स्थानीय राजनीति में शामिल हो गए.
हालांकि मुख्तारन माई ने इन आरोपों को ग़लत और राजनीति से प्रेरित बताया है.
केबल में कहा गया है कि सामाजिक संगठनों ने स्थानीय मामलों में मुख्तारन माई की भागीदारी को परिवर्तन के स्रोत के रूप में देखा था, लेकिन बाद में उन्हें यह देखकर चिंता हुई कि वह और उनका परिवार अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहा है.
बख्श ने तीन लोगों के कथित बलात्कार की शिकार हुई नौ साल की बच्ची के एक मामले में पंचायत (ग्रामीण परिषद) बुलाई थी.
कार्यकर्ताओं के अनुसार, मुख्तारन माई ने अपने भाई से यह कहते हुए मामले का निपटारा कानूनी प्रक्रिया के बजाय पंचायत के जरिए करने को कहा था कि अदालत बलात्कार के दोषियों को उचित सजा नहीं देगी.
कहा जा रहा है कि बख्श ने क्षतिपूर्ति के रूप में बलात्कारियों में से एक की 15 साल की बहन का निकाह पीड़िता के पिता से करने का आदेश दिया. आरोप है कि उस व्यक्ति ने 15 साल की किशोरी को तब तक बुरी तरह प्रताड़ित किया जब तक कि उसके परिवार वालों ने किसी तरह उसे बचा नहीं लिया.
गैर सरकारी संगठनों का यह भी कहना है कि दो बहनों के अपहरण तथा बलात्कार के एक अन्य मामले में बख्श ने 60,000 रुपये की कथित रिश्वत लेकर पांच व्यक्तियों को छोड़ने का आदेश भी दिया था. बाद में उसने उन बहनों को अवैध शारीरिक सम्बंध का दोषी करार देते हुए उनके खिलाफ आदेश दिया.