नए साल की दहलीज पर हम सब खड़े हैं. यहाँ से वो सारे सवाल, जिनके लिए हम सब लड़ रहे…
बीते बरस लोकपाल के नाम पर राजनीतिक घाघों का गंदा, घृणित खेल आपने देखा. अराजनीतिक मूर्खताओं का प्रबंधित मंचन भी.…
यार कमाल हो गया. ये कम्बख़्त मुंबई वाले भी न. अरे 26/11 के बाद तो बहुत सारे दिखे थे गेटवे…
एक किस्सा सभी ने सुना है लगभग कि रोटी के लिए लड़ते लोगों को किस तरह एक रानी सलाह देती…
टीम अन्ना द्वारा प्रस्तावित जन लोकपाल क़ानून के प्रारूप को लेकर जो चिंताएं सबसे ज़्यादा गंभीर हैं उनमें से एक…
गुरुवार को जैसे-तैसे सदन में लोकपाल के मुद्दे पर मसौदे के पेश किए जाने के बाद बहस शुरू हुई. चर्चा…
मुझे याद है उन दिनों की चर्चा जब वो यह उपन्यास लिख रहे थे. बहुत सारी चिंताएं और बहुत सारे…
(जैसे-जैसे लोकपाल की बहस नित-नए रंग लेती जा रही है, अन्ना और खुलकर सामने आते जा रहे हैं. गांधीवाद और…
क्या कीजिए, ऐसी भाषा लिखने का कतई विचार नहीं है पर कुछ लोगों को आदत होती है गाली सुनने की.…
पहली खबरः एक केंद्रीय मंत्री को कुत्ते ने काट लिया. कुत्ता मर गया. दूसर ख़बरः एक केंद्रीय मंत्री ने कुत्ते…
ये लीजिए... एक और पेशकश. शहर में दूसरी बार. शामियाना लाइव, सैलिब्रिटी लाइव, राइटर्स लाइव, पोएट्स लाइव, दि माइंडब्लोइंग परफ़ोरमेंसेज…
रक्तबीज शून्य हो कर खो गया है आंख से. पानी नहीं है. हवा के झोंके ने नहीं मारा इन्हें…
सारंगी के तारों पर आंसूं की बूंदें हैं. बिना छेड़े ही यह गाना गूंज रहा है- पिया बसंती रे... काहे…
दिल्ली से सटे नोएडा में एफ वन कार रेस का नशा उतर ही नहीं रहा है. बार-बार पुनरावृत्ति इसी बात…
राम वन को गए. वहाँ रहे वाटिका में पर सोने के मृग का मोह नहीं गया. एक द्रविड़ की बहन…
बाज़ार हर चीज़ में अवसर देखता है. सुख हो, दुख हो, पर्व हो, आपदा हो, लड़ाइयां हों या फिर सामाजिक…
इस विकास की कथा को लेकर कहां जाएं और किसे बताएं कि हम मानव संसाधनों के प्रति मानवीय हैं. कैसे…
गद्दाफी मारा गया. कई लोगों के लिए जश्न का मौका है और कई लोगों के लिए राहत का. पश्चिम बल्लियों…
Hope does not float. Hope sells. Hope moves in a fragmented collective, as angst and aspiration, and as unrequited longing,…
मकबूल नहीं रहे. विदा कह गए अचानक. ऐसा नहीं कि उम्र कम थी, ऐसा नहीं कि दवा और खयालों-खबर के…
मोदी बाबू तीन दिन भुखले रहे. कुछू नहीं खाए. काहे लिए, सदभावना के लिए. ये तो ऐसा ही है जैसे…
(अन्ना के आंदोलन के दूसरे चरण में यानी अगस्त 16 के बाद जिस तत्परता से मीडिया कड़ाही, छन्ना संभाले था,…
(this article was published in Deccan Herald newspaper on 21st august, 2011. it was used as anchor article on edit…
अन्ना के अनशन के आखिरी दिन जब इंडिया गेट से लोग मोमबत्तियां जलाकर लौट रहे थे तो उनको लग रहा…
11 सितंबर, 2001 की घटना ने अमरीका को हिलाकर रख दिया था. इतना कि 10 वर्ष बाद भी देश हिला…
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