Skip to content
Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Primary Menu Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us
  • Featured

बाबू तोरे राज में इज्जत लूट गई हमार

Oct 5, 2012 | अविनाश कुमार चंचल

मैं एक सामंती समाज में रहता हूं, जहां हर पल पुरुषवादी अहम अपने को तुष्ट करता रहता है. हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जो मेरी धारणा को सही साबित करती हैं. चाहे हाल ही में गुवाहाटी में एक लड़की के साथ सरेआम ज़बरदस्ती करने की घटना हो, चाहे कुछ दिन पहले बंगलौर के किसी पब में लड़कियों के साथ मारपीट की घटना हो, मुंबई में पहली जनवरी को लड़की के साथ छेड़खानी या फिर आए दिन दिल्ली एनसीआर से आ रही बलात्कार की खबरे हों. लेकिन आज मैं बात करने जा रहा हूं एक ऐसे राज्य की, जिसकी कानून व्यवस्था की मिसालें दी जा रही हैं, वहां की सरकार और मुख्यमंत्री बाबू, दोनों अपनी पीठ थपथपा रहे हैं लॉ एंड आर्डर में सुधार के नाम पर.

 
पिछले कुछ दिनों से पटना में रहकर काम कर रहा हूं. जबसे यहां आया हूं हर दूसरे-तीसरे दिन राज्य के किसी कोने से महिलाओं पर हिंसा, बलात्कार, अपहरण, छेड़खानी की घटनाएं सुनने को मिलती हैं. पहले पटना में एक नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार, मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में दो स्कूली छात्राओं के साथ बलात्कार, नवादा में एक युवती के साथ दबंगों द्वारा बलात्कार व हत्या, सीतामढ़ी में एक युवती को असामाजिक तत्वों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण आत्महत्या, छपरा के मांझी थाना में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार, वैशाली में दलित तबके की एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या, बेगूसराय में बलात्कार की दो घटनाएं, भोजपुर के शाहपुर में एक स्कूली छात्रा के साथ बलात्कार, बेतिया में एक नाबालिग युवती का यौन शोषण, विक्रमगंज में स्कूली छात्राओं के साथ लगातार छेड़खानी, अररिया में दो स्कूलों से 31 तथा 24 बच्चियों का लापता होना, पटना में अपनी बहन को तलाशने गयी लड़की के साथ एक लॉज में गैंग रैप, झारखंड के विधायक के पटना में निजी आवास पर एक युवती के साथ गैंग रैप और न जाने ऐसी कितनी घटनाएं भी हैं, जो मेरे आँखों के सामने नहीं आ पातीं. 
 
इनमें उन 16 हजार लड़कियों, औरतों को नहीं गिन रहा जिन्हें धोखा देकर गर्भाशय निकाल लिया गया. इन घटनाओं ने राज्य में चल रहे सरकार के सुशासन की पोल खोल कर रख दी है.
 
अब आइये कुछ आकड़ों पर भी गौर कर लें. नेशनल क्राइम रिकार्ड के अनुसार 2008 में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की 6186 घटनाएं दर्ज की गई, जो 2011 में बढ़कर 10231 हो गई. मतलब तीन वर्षों में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी. काश, बिहार के विकास का ग्राफ अगर इससे आधी गति से भी आगे बढ़ा होता तो आज राज्य के बाशिंदों का मजदूर बनकर पलायन नहीं होता, आज बिहार के उन 65 लाख घरों में भी शौचालय की व्यवस्था होती जहां की लड़कियां खूले में शौच करने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं ये बढ़ोत्तरी आगे और चौंकाने वाली है. आज 14 से 49 आयु वर्ग की 56 फीसद महिलाएं शारीरिक एवं यौन हिंसा की शिकार हैं. अपहरण की कुल घटनाओं में 71 फीसद केवल महिलाओं-बच्चियों का अपहरण है. 2011 में महिलाओं-बच्चियों के अपहरण के 3050 मामले दर्ज हुए, जो 2008 की तुलना में 104 जी हां पूरे 104 प्रतिशत ज्यादा है.
 
और ये सब आकड़े तब हैं जब मैं मानकर चलता हूं कि सरकार बाबू पर लगे ये आरोप सही हैं कि उनके सुशासन में अपराध के आंकड़ों को कम करके दिखाने के लिए थानों में कई एफआईआर दर्ज ही नहीं होती. महिलाओं पर हो रहे अपराध के मामले में ये और पेचीदा हो जाता है क्योंकि आधे मामले में तो लोग परिवार की इज्जत बचाने, दबंगों के दबाव में आने या फिर आरोपी का घर के सदस्य होने के या फिर पुलिसिया पूछताछ और दबिश के कारण दर्ज भी नहीं करवा पाते. ज्यादातर मामले में तो अपराधियों से मिलकर पुलिस पीड़ित महिला को ही डरा-धमकाकर बयान बदलने को मजबूर करती है. बलात्कार की पीड़ित महिला की तो मेडिकल जांच भी सही समय पर नहीं कराई जाती है. इस तरह ज्यादातर मामले तो प्राइमरी स्तर पर ही खत्म हो जाते हैं.
 
अपने आस-पास लोगों को ये तर्क भी देते देखता हूं कि दिल्ली में सबसे ज्यादा बलात्कार इसलिए होते हैं क्योंकि वहां लड़कियां जीन्स, पैंट, शर्ट पहन कर घरों से निकलती हैं. लेकिन इन मूर्खों को ये नहीं दिखता कि बिहार के एकदम देहाती गांव में दबे-कुचले समुदाय की लड़कियों, खेत-खलिहानों में काम कर रही मेहनतकश महिलाओँ के साथ बलात्कार की खबरें आ रही हैं. इन्हें ये नजर नहीं आता कि आज छः महीने की बच्ची से लेकर 65 वर्ष की उम्र तक की महिलाओं के साथ बलात्कार की खबरें आ रही हैं.
 
बात दरअसल वही है. पुरुषवादी समाज औरतों को उपभोग की वस्तु से अधिक की चीज नहीं मानता. जो औरतों को बराबरी का दर्जा नहीं देना चाहता. वही समाज कभी हरियाणा में खाप पंचायत आयोजित करता है तो कभी यूपी में ऑनर किलिंग को सही ठहराता है.
 
जब भी हम एक समाजवादी और समानतावादी समाज की बात करते हैं तो वो बिना औरतों को बराबरी और सम्मान का दर्जा मिले बगैर संभव नहीं दिखता है. लेकिन दुख की बात है कि समाजवादी नेताओं के राज में ही औरतों के साथ इस तरह की जोर-जुल्म हो रहा है और हर तरफ खामोशी छाई हुई है.

Continue Reading

Previous Selling Us Soap, Shampoo and Ads, Not News
Next When We Send Them Back

More Stories

  • Featured

Delhi’s Toxic Air Rises, So Does The Crackdown On Protesters

2 weeks ago Pratirodh Bureau
  • Featured

A Celebration of Philately Leaves Its Stamp On Enthusiasts In MP

2 weeks ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Groundwater Management In South Asia Must Put Farmers First

2 weeks ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • Delhi’s Toxic Air Rises, So Does The Crackdown On Protesters
  • A Celebration of Philately Leaves Its Stamp On Enthusiasts In MP
  • Groundwater Management In South Asia Must Put Farmers First
  • What The Sheikh Hasina Verdict Reveals About Misogyny In South Asia
  • Documentaries Rooted In Land, Water & Culture Shine At DIFF
  • Electoral Roll Revision Is Sparking Widespread Social Anxieties
  • Over 100 Journalists Call Sheikh Hasina Verdict ‘Biased’, ‘Non-Transparent’
  • Belém’s Streets Turn Red, Black And Green As People March For Climate Justice
  • Shark Confusion Leaves Fishers In Tamil Nadu Fearing Penalties
  • ‘Nitish Kumar Would Win Only 25 Seats Without Rs 10k Transfers’
  • Saalumarada Thimmakka, Mother Of Trees, Has Died, Aged 114
  • Now, A Radical New Proposal To Raise Finance For Climate Damages
  • ‘Congress Will Fight SIR Legally, Politically And Organisationally’
  • COP30 Summit Confronts Gap Between Finance Goals And Reality
  • Ethiopia Famine: Using Starvation As A Weapon Of War
  • Opposition Leaders Unleash Fury Over Alleged Electoral Fraud in Bihar
  • In AP And Beyond, Solar-Powered Cold Storage Is Empowering Farmers
  • The Plot Twists Involving The Politics Of A River (Book Review)
  • Red Fort Blast: Congress Demands Resignation Of Amit Shah
  • Here’s Why Tackling Climate Disinformation Is On The COP30 Agenda

Search

Main Links

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us

Related Stroy

  • Featured

Delhi’s Toxic Air Rises, So Does The Crackdown On Protesters

2 weeks ago Pratirodh Bureau
  • Featured

A Celebration of Philately Leaves Its Stamp On Enthusiasts In MP

2 weeks ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Groundwater Management In South Asia Must Put Farmers First

2 weeks ago Pratirodh Bureau
  • Featured

What The Sheikh Hasina Verdict Reveals About Misogyny In South Asia

2 weeks ago Shalini
  • Featured

Documentaries Rooted In Land, Water & Culture Shine At DIFF

2 weeks ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • Delhi’s Toxic Air Rises, So Does The Crackdown On Protesters
  • A Celebration of Philately Leaves Its Stamp On Enthusiasts In MP
  • Groundwater Management In South Asia Must Put Farmers First
  • What The Sheikh Hasina Verdict Reveals About Misogyny In South Asia
  • Documentaries Rooted In Land, Water & Culture Shine At DIFF
Copyright © All rights reserved. | CoverNews by AF themes.