किरण का विकिरण कोई नई बात नहीं
उनको बचपन से ऐसा ही देखा है. सुबह की शाखा के बाद दर-दर पर्चे बांटते. स्वदेशी का नारा लगाते. गीत दोहराते, चोखा-बाटी कार्यक्रम और वनवासी कार्यक्रम में शामिल होते. मैदान साफ करते, बुहारते-संवारते. बड़े पैसेवालों के वाहन सजाते. वे फूल भी खुद तोड़कर लाते थे.