रोहतक रेलवे क्रॉसिंग के ठीक पास है होटल नटराज। इसके मालिक हैं संजय सैनी। तीन साल पहले जाट आंदोलन के दौरान उनका रेस्टोरेंट उपद्रवियों ने जला दिया था। वह घर दिखाते हैं, इसकी छत पर अभी भी लपटों के निशान हैं। उन्हें पर्याप्त आर्थिक मदद तो मिली लेकिन दिल के जख्म अभी भी हरे हैं। सैनी कहते हैं कि हमें व्यापार करना है, सियासत नहीं। अभिमन्यु सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा निशाना गैर जाटों को बनाया।
लोग बताते हैं कि आंदोलन के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई से जाट खासे नाराज हैं। देहात में बीजेपी को इस नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। जननायक जनता पार्टी के संस्थापक दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि कांग्रेस राहुल और भाजपा मोदी के नाम पर वोट मांग रही है। इनमें से एक भी काम के लिए वोट नहीं मांग रही। जाट बनाम गैर-जाट को मुद्दा बनाया जा रहा है। हमारी पार्टी विकास के लिए वोट मांग रही है। आप की आरटीआई विंग के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर यादव कहते हैं कि भाजपा-कांग्रेस ने जाट बनाम गैर-जाट का मुद्दा जबरन खड़ा किया है।
रोहतक की जाट प्रभाव वाली सीट पर कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा और परिवार का दबदबा है। हुड्डा के कारण जाट वोट कांग्रेस के काफी करीब है। उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने पिछली बार मोदी लहर में जीत हासिल की थी। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के अरविंद कुमार शर्मा से है। यहां जाट बनाम गैर-जाट मुद्दा है। करीब 35% जाट, 6% पंजाबी, 10% बनिया, 10% मुस्लिम, 8% ब्राह्मण, 18% दलित हैं। आप-जेजेपी गठबंधन ने प्रदीप देशवाल और आईएनएलडी ने धर्मवीर फौजी को उतारा है। दीपेंद्र अपने और पिता के काम के कारण बढ़त पर हैं।
सोनीपत- जाट और ब्राह्मण बहुल सीट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस उम्मीदवार हैं। भाजपा ने सांसद रमेश कौशिक पर ही भरोसा किया है। किसान कर्ज माफी जैसे मुद्दे के कारण कांग्रेस अभी फायदे में है। लेकिन कांग्रेस तीस साल में यह सीट दो ही बार जीत सकी है। यहां लड़ाई भाजपा और कांग्रेस में ही है, पर भाजपा और कांग्रेस के वोटों में जेजेपी सेंध लगा सकती है। जेजेपी से दिग्विजय चौटाला मैदान में हैं और इनेलो ने सुरेंद्र चिक्कारा को उतारा है। 30% जाट और 25% ब्राह्मण वोट हार-जीत में महत्वणूर्ण भूमिका निभाएंगे। भिवानी-महेंद्रगढ़- पिछली बार जीते धरमबीर को भाजपा ने फिर मौका दिया है। कांग्रेस ने श्रुति चौधरी, आप-जेजेपी ने स्वाति यादव और आईएनएलडी ने बलवान यादव को टिकट दिया है। श्रुति पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती हैं। उनके पिता सुरेंद्र सिंह और मां किरन चौधरी मंत्री रह चुके हैं। श्रुति 2009 में इस सीट से सांसद चुनी गई थीं लेकिन 2014 में तीसरे नंबर पर थीं।
भाजपा सांसद मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं लेकिन दबंग छवि और बयानबाजी के कारण उनकी स्थिति नाजुक है। यहां कांग्रेस को बढ़त मिल सकती है। महेंद्रगढ़ में बड़ा मुद्दा पानी है। महिलाओं को पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। यमुना लिंक से पानी लाने का मुद्दा अक्सर उठता है, लेकिन चुनाव बाद गायब भी हो जाता है। यहां जेजेपी भी मजबूत है। स्वाति को मतदाताओं का समर्थन मिल रहा है। भिवानी में अवैध माइनिंग का मुद्दा भी हावी है और उसे स्वाति जोर-शोर से उठा रही हैं। गुड़गांव- सीट यादव बहुल है और यही बड़ा फैक्टर भी। मेवात में मुस्लिम खासे हैं। चुनाव भी हिंदू और मुस्लिम केंद्रित रहता है। इसका फायदा इंद्रजीत सिंह को मिल रहा है। वह भाजपा से मैदान में हैं। कांग्रेस ने अजय सिंह यादव, आप-जेजेपी ने महमूद खान और आईएनएलडी ने वीरेंद्र राना को टिकट दिया है। इंद्रजीत पूर्व सीएम राव बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। विकास यहां बड़ा मुद्दा है। इंद्रजीत की स्थिति इसलिए ठीक है कि यादव वोटों में उनकी अच्छी पैठ है।
फरीदाबाद- बीजेपी ने सांसद कृष्ण पाल गुर्जर को फिर से कांग्रेस ने अवतारसिंह भड़ाना, आप-जेजेपी ने नवीन जयहिंद और आईएनएलडी ने महेश चौहान को टिकट दिया है। कांग्रेस ने ऐन वक्त पर ललित नागर का टिकट काटकर भड़ाना को दिया था। इस कारण थोड़ा विरोध है। यहां भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला है। सीट पर गुर्जर और ब्राह्मण मत निर्णायक हैं। नागर का टिकट कटने से ब्राह्मण मतदाता कांग्रेस से नाराज हैं।
हरियाणा: पांच सीटों के मुद्दे और समीकरण
On Sept. 3, 2025, China celebrated the 80th anniversary of its victory over Japan by staging a carefully choreographed event…
Since August 20, Jammu and Kashmir has been lashed by intermittent rainfall. Flash floods and landslides in the Jammu region…
The social, economic and cultural importance of the khejri tree in the Thar desert has earned it the title of…
On Thursday, 11 September, the Congress party launched a sharp critique of Prime Minister Narendra Modi’s recent tribute to Rashtriya…
Solar panels provide reliable power supply to Assam’s island schools where grid power is hard to reach. With the help…
August was a particularly difficult month for the Indian Himalayan states of Uttarakhand, Himachal Pradesh and Jammu and Kashmir. Multiple…
This website uses cookies.