टीम इंडिया में कब पक्की होगी KL राहुल की जगह?

दूसरे वनडे में टीम इंडिया ने पहले बैटिंग की. 81 के स्कोर पर जब पहला विकेट गिरा तो बैटिंग की कमान खुद कप्तान कोहली ने संभाली. अपने ट्रेडमार्क नंबर पर वापस आकर कोहली ने 78 रन बनाए. चौथे नंबर पर श्रेयस अय्यर ने बैटिंग की. स्पेशलिस्ट ओपनर KL राहुल को पांचवें नंबर पर आना पड़ा. 33वें ओवर में बैटिंग करने आए राहुल को इससे कोई खास फ़र्क़ नहीं पड़ा. उनके बल्ले से रन निकले और खूब निकले. उन्होंने जिधर चाहा, उधर शॉट लगाया. खूबसूरत शॉट्स से भरी उनकी बल्लेबाजी यादगार बन गई.

आकाश चोपड़ा के शब्दों में कहें, तो लाजवाब राहुल. उनकी कही बातें हूबहू देखने को मिली राजकोट में. सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे वनडे में राहुल ने 52 गेंदों में 80 रनों की बेहतरीन पारी खेली. इस पारी में राहुल ने वनडे में एक हज़ार रन भी पूरे किए. 27 पारियों में. सबसे तेज़ हज़ार रन बनाने वाले इंडियन बल्लेबाजों की लिस्ट में चौथे नंबर पर.

KL राहुल राजकोट वनडे में पांचवें नंबर पर बैटिंग करने आए. श्रेयस अय्यर के आउट होने के बाद. पहले वनडे में राहुल ने तीसरे नंबर पर बैटिंग की थी. 47 रन भी बनाए थे. मुंबई में कोहली ने अपना बैटिंग पोजिशन बदली थी और वह सिर्फ 16 रन ही बना पाए थे. कोहली की खूब आलोचना हुई. कहा गया कि उन्हें अपने पोजिशन पर बैटिंग करनी चाहिए. क्रिकेट पंडितों ने टीम इंडिया की करारी हार की वजहें गिनाईं, तो उसमें कोहली का बदला हुआ बैटिंग नंबर भी था. कहा गया कि राहुल के लिए विराट कोहली को अपना नंबर नहीं बदलना चाहिए.

ये पहली बार नहीं है, जब राहुल ने टीम इंडिया में अपनी ज़रूरत को मजबूती से साबित किया हो. राहुल के वनडे कैरियर की शुरुआत 2016 में हुई थी. अब तक वो 28 मैच ही खेल पाए हैं. अच्छी परफॉरमेंस के बाद भी उनकी जगह कभी परमानेंट नहीं हो पाई. ओपनिंग में रोहित और धवन में से कोई चोटिल हुआ या आराम मिला, तभी राहुल की जगह बनी.

वनडे वर्ल्ड कप में राहुल ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी शुरू की. धवन को चोट लगी तो राहुल ओपनर बन गए. और अब ऑस्ट्रेलिया सीरीज़. दो मैचों में वे नंबर तीन से नंबर पांच पर पहुंच चुके हैं.

केएल राहुल ने 17 पारियों में बतौर ओपनर बल्लेबाजी की है. 52.60 की औसत से रन बनाए हैं. तीन पारियों में तीसरे नंबर पर, चार पारियों में चौथे नंबर पर, दो पारियों में पांचवें नंबर पर और एक पारी में छठे नंबर पर भी बल्लेबाजी की है. जब स्पेशलिस्ट विकेटकीपर ऋषभ पंत चोटिल होकर टीम से बाहर हुए तो उन्होंने विकेटकीपिंग की कमान भी संभाली.

राहुल को अपनी जगह पाने के लिए बार-बार साबित करना पड़ा है. उन्होंने खुद को साबित किया भी है. फिर भी टीम में उनकी जगह तय नहीं हो पाई है. देखना होगा कि कितने टेस्ट पास करने के बाद टीम इंडिया में राहुल की जगह पक्की हो पाएगी.

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