Skip to content
Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Primary Menu Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us
  • Headline
  • Politics & Society

गौमांस पर प्रतिबंध और मौलिक अधिकारों का हनन – कुछ आयाम

Jul 28, 2015 | Pratirodh Bureau

भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अपने 2014 के चुनाव पत्र में गौमांस पर प्रतिबंध और गौसंरक्षण को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। इसी को अमल में लाते हुए, मार्च 2015 से महाराष्ट्र व हरियाणा में गौहत्या प्रतिबंधी कानूनों को पारित करने और उनमें संशोधन लाने का सिलसिला शुरू हुआ। तब से गौमांस और गौहत्या पर प्रतिबंध का विषय लगातार सुर्खियों में छाया हुआ है। पर इन सब के बीच कुछ सवाल दब कर रह जाते हैं – जैसे कि क्या गौमांस का बहिष्कार सचमुच में एक सर्वसम्मत हिन्दू मान्यता है? इस कानून के संवैधानिक पहलू और आर्थिक व सामाजिक परिणाम क्या हैं? ये और कुछ अन्य मुद्दे समाज के अन्य तबकों ने उठाए भी हैं। इन प्रतिबंधों के लागू किए जाने के पश्चात कुछ ऐसी घटनाएँ भी घटी हैं जो ऐसे कानूनों के दुष्परिणामों की ओर संकेत करती हैं। लेकिन ये आवाज़ें राजनैतिक अफरातफरी में कहीं खो गयी हैं। पी.यू.डी.आर. की यह रिपोर्ट गौसंरक्षण और गौमांस पर लगे प्रतिबंधों से जुड़े जटिल सवालों से जूझने की दिशा में एक छोटा कदम है। रिपोर्ट की कुछ झलकियाँ निम्नलिखित हैं –

1. सज़ा व जुर्माने में की गई वृद्धि – हरियाणा के गौसंरक्षण सम्बन्धी बिल में गौहत्या के लिए न्यूनतम सज़ा तीन वर्ष का कठोर कारावास, जो कि दस साल तक बढ़ाया जा सकता है, व 30,000 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक जुर्माने, का प्रावधान है। महाराष्ट्र में गौहत्या के लिए अब 5 से बढ़ाकर 10 साल कारावास कर दिया गया है। यानि महाराष्ट्र में गौहत्या की सज़ा की अवधि अन्य संगीन अपराधों जैसे कि आपराधिक लापरवाही से होने वाली मौतों (2 वर्ष) या फिर बलात्कार (7 वर्ष), से अधिक भी है! (पृष्ठ 3)

2. साक्ष्य का भार अभियुक्त पर – दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब व राजस्थान के गौमांस सम्बन्धी कानूनों में साक्ष्य का भार (यानि खुद को निर्दोष साबित करने की ज़िम्मेवारी) अभियुक्त पर है। मतलब सरकार व पुलिस को उसे दोषी साबित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह एक विडम्बना है कि बलात्कार के कानून में साक्ष्य का भार अभियुक्त पर डालने के लिए महिला आन्दोलन को एक लम्बा संघर्ष करना पड़ा, जबकि गौहत्या कानूनों में इस तरह के प्रावधान पहले ही मौजूद हैं! (पृष्ठ 4)

3. संविधान के अनुच्छेद 48 में गौसंरक्षण का प्रावधान – संविधान समिति के उच्च जातीय चरित्र की छाप नीति निर्देशक सिद्धान्तों के अनुच्छेद 48 में साफ़ नज़र आती है। इसके अलावा, एक तरफ तो अनुच्छेद 48 “आधुनिक और वैज्ञानिक तर्ज़ पर पशुपालन को बढ़ावा देने” व उनकी “नस्ल संरक्षण व सुधार” की बात करता है, पर दूसरी ओर “गाय, बछड़े व अन्य दुधारू और भारवाही पशुओं’’ की हत्या पर रोक भी लगाता है। प्रतिबन्ध के रहते अनुच्छेद 48 में विज्ञान तथा आधुनिकता की ओर किया गया संकेत, एक साम्प्रदायिक और जातिवादी सोच को ढापने के लिए सिर्फ एक जामा ही रह जाता है। (पृष्ठ 4)

4. आजीविका और आहार पर असर – प्राचीन और समकालीन दोनों समय में विविध समुदाय गौमांस का सेवन करते आये हैं – जिसमें बड़ी तादाद में हिन्दू भी शामिल हैं। पूरे मांस उत्पादन उद्योग (पारंपरिक व आधुनिक) में लाखों भारतीयों की आजीविका भी जुड़ी हैं। गौहत्या पर प्रतिबंध के साथ आजीविका और विभिन्न सम्प्रदायों के हज़ारों-लाखों भारतीयों के आहार से सस्ते प्रोटीन का स्रोत भी खतम हो गया है। गरीब किसानों के लिए वृद्ध गायों, मवेशियों की देखभाल, चारे इत्यादि का खर्च की समस्या भी उत्पन्न हो गई है । (पृष्ठ 5)

5. हिंदुत्ववादी उभार और प्रतिबंध की संस्कृति – यह प्रतिबंध कट्टरपंथियों के लिए छापे मारने, गिरफ्तारियाँ करवाने और अल्पसंख्यक – खासतौर पर मुसलमानों, दलितों, अनुसूचित जातियों के खिलाफ संगठित हिंसा करने के दरवाज़े खोलता है। इस प्रतिबंध को भी हाल के साहित्य, शोध व फिल्मों पर लगाये गए प्रतिबंधों की तरह हिंदुत्ववादी उभार व प्रभुत्व के संदर्भ में ही समझा जा सकता है। (पृष्ठ 6)
पूरी रिपोर्ट के लिए www.pudr.org पर क्लिक करें।

शर्मिला पुरकायस्थ और मेघा बहल
सचिव, पी.यू.डी.आर.
24 जुलाई 2015

Continue Reading

Previous Banned and Damned: SIMI’s Saga with UAPA Tribunals
Next नेपाल में गायः पवित्र जीव से राष्ट्रीय पशु तक

More Stories

  • Featured
  • Politics & Society

CAA के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित!

1 year ago PRATIRODH BUREAU
  • Featured
  • Politics & Society

टीम इंडिया में कब पक्की होगी KL राहुल की जगह?

1 year ago PRATIRODH BUREAU
  • Featured
  • Politics & Society

‘नालायक’ पीढ़ी के बड़े कारनामे: अब यूथ देश का जाग गया

1 year ago Amar

Recent Posts

  • India’s Net-Zero Dream: Between Diplomacy And Reality
  • ‘Super-spreader’ Erupts As Devout Throng Kumbh Mela
  • Crises Between India, Pak Likely To Intensify: US Intel Report
  • Navalny Has Difficulty Speaking, Loses More Weight, Wife Says
  • Retd Judge Who Gave Babri Verdict Made UP Deputy Lokayukta
  • Covid Pandemic ‘A Long Way From Over’: WHO Chief
  • 10 States Show Steep Rise In Daily COVID-19 Cases
  • Myanmar Activists Vow Week Of Protests During NY Holidays
  • Clashes In US After Cop Shoots 20-Year-Old Black Man
  • Big Spike In Daily Covid Cases, But Crowds Gather For Festival
  • Farmers Ready To Talk If Govt Invites, No Change In Demands: Tikait
  • Illegal Driftnet Use Rife In Indian Ocean: Greenpeace
  • As Migrants Flee Cities, Concerns About Covid Surge In Villages
  • Not Even Fear Of Covid Can Disrupt Protest, Say Agitating Farmers
  • US Defends Navy Ship’s Navigational Rights Inside India’s EEZ
  • George Floyd Autopsy: Doctor Stands By Homicide Conclusion
  • Gyanvapi Mosque: UP Waqf Board To Challenge ASI Survey Order
  • Police Clamp Curbs On Media Coverage Of Kashmir Gunbattles
  • Govt. To Review Covid Vaccines After Blood Clot Warning
  • ‘Climate Change, Rich-Poor Gap, Conflict Likely To Grow’

Search

Main Links

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us

Related Stroy

  • Featured

India’s Net-Zero Dream: Between Diplomacy And Reality

14 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

‘Super-spreader’ Erupts As Devout Throng Kumbh Mela

14 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Crises Between India, Pak Likely To Intensify: US Intel Report

21 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Navalny Has Difficulty Speaking, Loses More Weight, Wife Says

21 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Retd Judge Who Gave Babri Verdict Made UP Deputy Lokayukta

2 days ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • India’s Net-Zero Dream: Between Diplomacy And Reality
  • ‘Super-spreader’ Erupts As Devout Throng Kumbh Mela
  • Crises Between India, Pak Likely To Intensify: US Intel Report
  • Navalny Has Difficulty Speaking, Loses More Weight, Wife Says
  • Retd Judge Who Gave Babri Verdict Made UP Deputy Lokayukta
Copyright © All rights reserved. | CoverNews by AF themes.