Modi’s Big Tax Cut Unlikely To Spur Job Bonanza In India
With one eye on flagging demand, businesses in India are likely to bank the government’s…
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लोगों के संघर्षों को महज़ अपनी कहानियों और कविताओं में जगह देने से बात नहीं बनने वाली, न ही आपका पुरस्कार लौटाना जनता की अभिव्यक्ति की आज़ादी को बहाल कर पाएगा. अगर आप ऐसा वाकई चाहते हैं, तो आपको इसे जीवन-मरण का सवाल बनाना पड़ेगा. आपको नवजागरण का स्वर बनना पड़ेगा.
The recent killing of MM Kalburgi, a 78-year-old renowned Kannada writer, rationalist and scholar, is just another addition to the growing list of murders committed by fundamentalist right-wing individuals and groups.
उनको बचपन से ऐसा ही देखा है. सुबह की शाखा के बाद दर-दर पर्चे बांटते. स्वदेशी का नारा लगाते. गीत दोहराते, चोखा-बाटी कार्यक्रम और वनवासी कार्यक्रम में शामिल होते. मैदान साफ करते, बुहारते-संवारते. बड़े पैसेवालों के वाहन सजाते. वे फूल भी खुद तोड़कर लाते थे.
हम एक ऐसे समय में खड़े हैं जब सहजता का नाम तक असहिष्णु होता जा रहा है. जब प्रगति के घोड़े सबसे तेज़ भागते दिखाए जा रहे हैं, हम आक्रामक और असहिष्णुताओं के प्राचीर बन गए हैं. एक कविता…
एक प्रधान सेवक के द्वारा अपने मालिक के अस्पताल के उदघाटन पर दिए गए गौरवमयी शल्यचिकित्सकीय अतीत के उद्धरणों को समर्पित कविता… सर्जरी
साथ पढ़े कितने ही दोस्त अमरीका जाकर रहने लगे. कुछ बस गए. कुछ बसने की कोशिश में हैं. कोई बुराई नहीं. पर आजकल भारतीयता की किताब से सबक याद करा रहे हैं. देश के भगोड़े जब कथित राष्ट्रभक्ति की लुटिया से शौंचते नज़र आते हैं तो हंसी आती है. उन्हें समर्पित एक कविता…
भारत में 16 मई के बाद की परिस्थितियों में जो कुछ घटता-चलता दिख रहा है, उससे लोग भी प्रभावित हैं और इसीलिए कविता भी. कविता अपने समय के सच को कहती है. ऐसी ही एक कविता- नया शासनादेश.
इस फ़िल्म में कश्मीर केवल वैसे ही है जैसे खादी चोरों की बैठक में गांधी का चित्र. इस्तेमाल करो और किनारे लगाओ. जो लोग इस फ़िल्म के आधार पर निर्देशक या उनके उस्ताद के बारे में कोई बड़ी राय बना रहे हैं, मेरे खयाल से वे लोग रेत में पानी खोद रहे हैं.
प्रतीकात्मक ही तो लड़ते आ रहे हो तुम केवल प्रतीकात्मक सच्ची लड़ाई का भ्रम पैदा…
(Prof S.A.R. Geelani, who was accused with Afzal Guru and Shaukat Hussain in the Dec…
बाबा नागार्जुन दशकों पहले लिखकर जा चुके हैं. ठाकरे की ऐसी खाल खिचाई किसी और…
दिवाली के कई बिंब हैं. बचपन में घर के आंगन में तुलसी के चौतरे तले…
उसका नाम सुमन देवी है. अधेड़ महिला. आशियाने के नाम पर बोरियों, टाटों और प्लास्टिक,…
(Panini Anand interviews Prasenjit Bose, Ex Convener Research Unit-CPM.) Here is the full text: …
It was the summer of 2002. An IRS officer on study leave from the Income…
(देश में पड़ रहा है सूखा. भुखाली है भूखा. खेत है रूखा. आग का भभूका….
(मानेसर की ताज़ा घटना को जिस तरह से देखा और दिखाया जा रहा है उसमें…
It was the drawing room of a middle class family in arid Rae Bareli in…
When folk music maestro, Saakar Khan Manganiar, the most renowned Khamaicha player, alive today, puts…
The newsrooms are again on their job; postmortem of UP and states election results is…
जलियांवाला बाग के बाद का दूसरा सबसे बड़ा सामुहिक नरसंहार, जिसमें सैकड़ों किसानों को घेरकर…
(देश की सरकारें हर वर्ष नीरो का खेल देखती हैं. पल-पल मरते लोकतंत्र में राजपथ…
मानस के पाठ की आज की कड़ी में पाठक भक्तजनों का स्वागत है. आज की…