Skip to content
Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Primary Menu Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us
  • The New Feudals

यह व्यवस्था नौकरियां देती नहीं, खाती है ओबामा जी

Sep 14, 2011 | vibek

यह हफ्ता आर्थिक दुनिया में भूचाल लाएगा. हालांकि अमेरिका और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की घनघोर अंधेरे की ओर बढ़ती जा रही है. अमेरिका का बेरोजगारी के घनघोर संकट से जूझना एक छोटा संकेत है. लेकिन इस हफ्ते से कई ऐसी खबरें मिलेंगी जो पूंजीवाद के चाकरों की नींद उड़ा देगी. दाएं बाएं नहीं सीधे सवालों पर गौर करने की जरूरत है.

 
मंगलवार से ग्रीस के फिर से दिवालिया होने का खतरा बढ़ गया है. 22 फीसदी का बजट घाटा ग्रीस सरकार का दम घोंट रहा है. उधर ओबामा कह रहे हैं कंपनियों, तुम नौकरी दो हम टैक्स छूट देंगे. 447 अरब डॉलर कांग्रेस में पास होने के लिए तैयार है. 
 
फिर वही ढाक के तीन पात. ओबमा की घोषणा के तीन दिन बाद खबर आती है कि बेलाउट पा चुका बैंक ऑफ अमेरिका 30,000 लोगों को नौकरियों से निकालने जा रहा है. इसी बैंक ने मेरिल लिंच के साथ मिलकर एक और आठ सितंबर के बीच एक सर्वे किया जिसमें आधे से ज्यादा लोग मान रहे हैं कि अगले 12 महीने में यूरोप पूरी तरह से मंदी के गिरफ्त में होगा.
 
भारत में भी एक एजेंसी मैनपावर का कहना है कि चार नियोक्ताओं में से एक हायरिंग प्लान को लेकर अनिश्चित है. पिछले तिमाही (जुलाई-सितंबर) में नौकरियों के मौकों में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है. आगे भी धीमी रहेगी. वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी कहते हैं कि हम महंगाई को समय नहीं मिल पाने की वजह से हल नहीं कर पा रहे हैं.
 
नौकरी तब पैदा होती है जब चीजों और सेवाओं की मांग ज्यादा हो. उसे उपलब्ध कराने वालों की संख्या कम पड़े. लोकप्रिय धारणा बिल्कुल गलत है कि बिजनेस रोजगार देगा. आज की तारीख में ठीक उलट है. प्रबंधन स्कूल का सिलेबस देखिए या मोटी तनख्वाह पर काम करने वाले सेल्समैन टार्गेट लिए घुमते हैं. टार्रेट पूरा नहीं नौकरी से पत्ता साफ. ‘कॉस्ट कटिंग’ का मंत्र तो व्हार्टन से लेकर आईआईएम अहमदाबाद का मूलमंत्र है. कौन रोजगार देने जा रहा है. ओबामा टैक्स कम कर देंगे. कंपनियों के पास पैसा ज्यादा होगा तो क्या वह कर्मचारी रख लेंगे. जब व्यवस्था ही गैरबराबरी में मुनाफा देखती है तो उससे नौकरी और कल्याण जैसी बातें सोचना बेवकूफाना नहीं तो क्या है.
 
कबतक करेंगे नज़रअंदाज़
 
मंगलवार 13 सितंबर 2011 को अमेरिका की गरीबी रेखा वाली रिपोर्ट जारी हुई है. 2010 में गरीबी 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है. यह अमेरिका का सरकारी आंकड़ा है.
 
गरीबी,बजट घाटा और टैक्से के इस चक्रव्यूह में व्यवस्था कैसे-कैसे तर्क देने वालों को प्रोत्साहित करती है. खुलेआम लूट को भी हम नियमों के तहत नजरंदाज कर रहे हैं.
 
कभी मौका मिले तो सोचिएगा कि आखिर कैपिटल गेन टैक्स कम क्यों होता है?
 
यह टैक्स ऐसा है कि आप पैसे से पैसा पैदा करने पर लगता है. शेयर से लेकर प्रॉपर्टी में भारी भरकम पैसा लगाने के बाद मिला मुनाफा कैपिटल गेन कहा जाता है और इस इनकम पर लगने वाला टैक्स कैपिटल गेन टैक्स.
 
तकरीबन हर देश में खासकर अमेरिका या विकसित देश में यह टैक्स बाकी इनकम टैक्स से कम होता है. आप मानेंगे कि यह मुनाफा वही हासिल करता है जिसके पास पूंजी है. यह इनकम का ऐसा हिस्सा है जिसपर सामान्य तौर पर ऊपरी इनकम टैक्स रेट से कम टैक्स लगता है. भारत में भी ऐसा है. 30 फीसदी इनकम टैक्स की ऊपरी सीमा है तो कैपिटल गेन (लांग टर्म) की सीमा 20 फीसदी है. केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया में यह ट्रेंड देखने को मिलेगा कि कैपिटल गेन इनकम टैक्स के स्तर से कम होता है.
 
एक आंकड़ा देखिए जिसे डेव जानसन से लिया है. 2008 के 400 सबसे बड़े धनी लोगों की इनकम कैपिटल गेन की कैटेगरी वाली थी. 8 फीसदी सैलरी और मेहनताना वाली थी. बाकी जनता यानी 400 लोगों के अलावा केवल 5 फीसदी लोगों की इनकम कैपिटल गेन कैटेगरी वाली थी जबकि 72 फीसदी लोग सैलरी वाली कैटेगरी में थे.
 
अमेरिका से लेकर यूरोप तक तबाही मचने वाली है. एंजिला मर्केल (जर्मन चांसलर) की नींद उड़ गई है. 17 देशों में चलने वाली मुद्रा यूरो 2003 के स्तर पर पहुंच गई है. ग्रीस को दिवालिया होने का दोबारा खतरा पैदा हो गया है. सरकारी बांड 25 फीसदी पर भी देने के लिए लोग तैयार नहीं है. इटली को पांच साल के बांड पर सबसे ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ रहा है. 1999 के बाद का रिकॉर्ट भुगतान. एक-एक करके सभी देश इस जाल में फंसते जा रहे हैं.
 
देखिएगा कुछ ही देर में ढेरों बयान आएंगे कि ग्रीस ने सही तरीके से सरकारी खर्च को मैनेज नहीं किया. फिर थुलथुला तर्क और मौजूदा व्यवस्था में खामी निकालने से पूरी तरह इनकार की गुंज साफ सुनाई देगी.

Continue Reading

Previous नवउपनिवेशवाद का सच: दुनिया में बढ़ रहे हैं जमीन के सौदे
Next India’s Role in the New Global Farmland Grab

More Stories

  • Featured
  • The New Feudals

क्रान्तिकारी कार्यक्रम का मसविदा

6 years ago PRATIRODH BUREAU
  • The New Feudals
  • World View

खुद को कुशल कारोबारी बताने वाले ट्रम्प को 10 साल में 8073 करोड़ रु. का घाटा हुआ था

6 years ago PRATIRODH BUREAU
  • The New Feudals

प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर कसा तंज- बिना होमवर्क के स्कूल आ जाते हैं फिर कहते हैं नेहरू ने मेरा पर्चा ले लिया

6 years ago PRATIRODH BUREAU

Recent Posts

  • ‘PM Modi Wants Youth Busy Making Reels, Not Asking Questions’
  • How Warming Temperature & Humidity Expand Dengue’s Reach
  • India’s Tryst With Strategic Experimentation
  • ‘Umar Khalid Is Completely Innocent, Victim Of Grave Injustice’
  • Climate Justice Is No Longer An Aspiration But A Legal Duty
  • Local Economies In Odisha Hit By Closure Of Thermal Power Plants
  • Kharge Calls For Ban On RSS, Accuses Modi Of Insulting Patel’s Legacy
  • ‘My Gender Is Like An Empty Lot’ − The People Who Reject Gender Labels
  • The Environmental Cost Of A Tunnel Road
  • Congress Slams Modi Govt’s Labour Policy For Manusmriti Reference
  • How Excess Rains And Poor Wastewater Mgmt Send Microplastics Into City Lakes
  • The Rise And Fall Of Globalisation: Battle To Be Top Dog
  • Interview: In Meghalaya, Conserving Caves By Means Of Ecotourism
  • The Monster Of Misogyny Continues To Harass, Stalk, Assault Women In India
  • AI Is Changing Who Gets Hired – Which Skills Will Keep You Employed?
  • India’s Farm Policies Behind Bad Air, Unhealthy Diet, Water Crisis
  • Why This Darjeeling Town Is Getting Known As “A Leopard’s Trail”
  • Street Vendors Struggle With Rising Temps
  • SC Denies Two-Week Extension In Umar Khalid, Sharjeel Imam Bail Pleas
  • Hydrocarbon Exploration In TN Sparks Protests From Fishers And Farmers

Search

Main Links

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us

Related Stroy

  • Featured

‘PM Modi Wants Youth Busy Making Reels, Not Asking Questions’

12 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

How Warming Temperature & Humidity Expand Dengue’s Reach

16 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

India’s Tryst With Strategic Experimentation

16 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

‘Umar Khalid Is Completely Innocent, Victim Of Grave Injustice’

1 day ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Climate Justice Is No Longer An Aspiration But A Legal Duty

2 days ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • ‘PM Modi Wants Youth Busy Making Reels, Not Asking Questions’
  • How Warming Temperature & Humidity Expand Dengue’s Reach
  • India’s Tryst With Strategic Experimentation
  • ‘Umar Khalid Is Completely Innocent, Victim Of Grave Injustice’
  • Climate Justice Is No Longer An Aspiration But A Legal Duty
Copyright © All rights reserved. | CoverNews by AF themes.