राजीव यादव

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सपा राज में शुरु हुई दंगों की राजनीति

यूपी के सपा राज में महीने दर महीने साम्प्रदायिक दंगों की रोज नई घटनाएं सामने आ रही हैं. अभी मथुरा…

12 years ago
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खुफिया एजेंसियों के फांसे में लोकतंत्र

कतील सिद्दीकी की खुफिया एजेंसियों द्वारा पुणे की यर्वदा जेल में की गई हत्या को एक महीने हो गए हैं…

12 years ago
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आतंकवाद के आरोप में ऐसे फांसाती है एटीएस

उसे आज भी एटीएस का फोन आता है. यह सिलसिला पिछले चार-पांच महीनों से चल रहा है. वो मानता है…

12 years ago
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कतील को जांच एजेंसियों ने इसलिए मारा

बाटला हाउस में मारे गए संजरपुर, आजमगढ़ के लोगों की जो तस्वीर हमारी आंखों और सीनों में एक अरसे से…

12 years ago
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लोकतंत्र की उलटबांसी

नयी आर्थिक नीतियों के लागू होते जाने के साथ कल्याणकारी राज्य की अवधारणा का अर्थ किस तरह बदलता गया, झारखंड…

12 years ago
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बेगुनाह, आजमगढ़ और सपा सरकार

2008 के अगस्त महीने में आजमगढ़ के अबुल बशर की गिरफ्तारी और उसके बाद सपा के अबू आसिम आजमी और…

12 years ago
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सियासत का गुनाह और बेगुनाहों की सियासत

सवाल आतंकवाद के नाम पर जेलों में बंद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों का नहीं और न ही लोकतांत्रिक ढांचे के पुलिस…

12 years ago
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रिफ़त को इंतज़ार है सज्जादुर्रहमान की रिहाई का

पिछले कई सालों से गुलाम कादिर वानी से हो रही मुलाकातों में रिफत को जाना. और अब यूपी की सरकार…

12 years ago
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पत्रकार काज़मी केसः वो अदालतों के पार हैं

21 अप्रैल, दिन के ढाई बजे, दिल्ली की गहमा-गहमी भरी तीस हजारी अदालत, जहां पत्रकार एसएमए काजमी को पेश करना…

12 years ago

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