सहमी सहमी सी टूटी फूटी बिखरी हुई जिंदगियां
पुलिस थाने से महज़ पांच किमी दूर स्थित इस घटना स्थल पर पुलिस किसी घुमावदार रास्ते के ज़रिये तब पंहुची ,जबकि आततायी अपनी मनमानी करके वापस घरों को लौट गए
पुलिस थाने से महज़ पांच किमी दूर स्थित इस घटना स्थल पर पुलिस किसी घुमावदार रास्ते के ज़रिये तब पंहुची ,जबकि आततायी अपनी मनमानी करके वापस घरों को लौट गए
सुनियोजित ढंग से दलितों पर हमला किया गया. घरों को तोड़ा गया. लोगों को बार-बार ट्रेक्टरों के नीचे कुचला गया और मरने के बाद भी मारा गया. पुरुषों के लिंग नोचे गए और औरतों के जननांगों में लकड़ियां ठूंसी गईे. नरसंहार पर अबतक राजस्थान की सरकार को न तो कुछ कहना है और न करना है. मोदी सरकार की बरसी का एक सच यह भी है.
बड़े उद्योगों के लिए किसानों से जमीन का अधिग्रहण करके सरकारें अब कल्याणकारी शासन करने…
कौमी एकता और सांप्रदायिक सौहार्द्र की पवित्र स्थली ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भी अब…
तुम्हारे पिता ने तुम्हारे साथ कितनी बार सम्भोग किया? यह अमानवीय प्रश्न राजस्थान पुलिस ने…
दक्षिणी राजस्थान का भीलवाड़ा जिला दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने में अव्वल रहा…
जिंदल कंपनी के अधिकारी पैसों की धौंस के जरिए जिस प्रकार से धर्मस्थल ध्वस्त करवा…
यह बात मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूं कि भारत हिन्दू राष्ट्र है,…
आज भी राजस्थान के दलित ऐसी गुलामी के दौर में जीने को लाचार है कि…
राजस्थान की नपुंसक दलित कौमें मुझे कभी माफ न करें, क्योंकि यह अनिवार्य गाली मैं…
बीस जनवरी से जयपुर में हूं, गले में जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल का आईकार्ड लटका कर…
भीलवाड़ा जिले में मांडल कस्बे के निवासी है 45 वर्षीय आबिद हुसैन शेख, दो बार…
इन दिनों भीलवाड़ा शहर में सांप्रदायिक तनाव की कुछ घटनाएं हुई है जो इस प्रकार…
अन्ना हजारे के सहयोगी विश्वसनीयता के संकट से गुजर रहे हैं. अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार…