मुझे तुम्हारे इस यक़ीन पे शक है
इस फ़िल्म में कश्मीर केवल वैसे ही है जैसे खादी चोरों की बैठक में गांधी का चित्र. इस्तेमाल करो और किनारे लगाओ. जो लोग इस फ़िल्म के आधार पर निर्देशक या उनके उस्ताद के बारे में कोई बड़ी राय बना रहे हैं, मेरे खयाल से वे लोग रेत में पानी खोद रहे हैं.