Skip to content
Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Primary Menu Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us
  • Featured
  • Newswires

ICU से एक अनुभवी संपादक की रिपोर्टिंग और ख़बर का मुहिम बन जाना

Jun 17, 2019 | विनीत कुमार

मुजफ्फरपुर के सबसे बड़े अस्पताल एसकेएमसीएच की आइसीयू के भीतर घुसकर देश के अनुभवी और पुराने न्यूज चैनल संपादक/एंकर रिपोर्टिग कर रहे हैं.

बेड पर बीमार बच्चे हैं, उनके परिजन हैं जिनकी मानसिक स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा विजुअल्स देखकर लगाया जा सकता है. इसी में एक मां का बच्चा इस दुनिया को छोड़कर जा चुका है और वे अपने चैनल का माइक भिड़ा देते हैं. वे इसी आईसीयू में घूम-घूमकर, ऊंची आवाज में बोल रहे हैं जिससे कि हमारे भीतर खबर के प्रति संवेदना पैदा हो. ये काम दिल्ली के किसी अस्पताल की आइसीयू में घुसकर किया जा सकता है? किसी चैनल का संवाददाता अपने कैमरामैन के साथ इस तरह आइसीयू में घुसकर ऊंची आवाज में इस तरह बोल सकता है? कैमरे क्या, लोगों को कुछ भी भीतर ले जाने की इजाजत होती है?

मैं दिल्ली के लगभग सारे बड़े अस्पतालों की आइसीयू के बाहर चक्कर काट चुका हूं. जल्दी मरीज से मिलने नहीं देते, आवाज तो बिल्कुल नहीं करने देते. आइसीयू तो छोड़िए, हॉस्पिटल पीड्रियाट्रिक्स डिपार्टमेंट के आगे खड़े होकर न बोलने दें.

अनुभवी संपादक चाहते तो विजुअल्स लेने के बाद बाहर आकर पीटीसी दे सकते थे, वीओ के साथ चला सकते थे. लेकिन हां, तब एक्सक्लूसिव होने की क्रेडिट मारी जाती.

जब संस्थान की संवेदनशीलता मर जाती है, नियम ध्वस्त हो जाते हैं तो मीडिया भी सारे नियम ताक पर रख देता है. वो दर्शकों के भीतर संवेदना पैदा करने के नाम पर शोर पैदा करने लगता है. क्या मीडिया के छात्र ये वीडियो देखकर यह सीख सकते हैं कि आइसीयू जैसी संवेदनशील जगह की रिपोर्टिंग कैसे की जा सकती है? और भाषा? आईसीयू का पोस्टमार्टम. हद है.

मैं आपसे बार-बार इसलिए कहता हूं कि अपने भीतर की संवेदना बचाकर रखिए नहीं तो मीडिया संवेदना का शोर इसी तरह पैदा करता रहेगा. उसका कारोबार इसी पर टिका है.

TV9 भारतवर्ष के रिपोर्टर ने ठसक से आइसीयू में नर्स की कुर्सी बैठे बीजेपी कार्यकर्ता के जूते उतरवा दिए. चैनल के कन्सल्टिंग एडिटर/ एंकर अजीत अंजुम ने पिछले दो दिनों से लगातार रिपोर्टिंग करके मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत की खबर को एक मुहिम में बदल दिया.

आज शाम मैं भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस देख रहा था. वे लगातार दनादन बिना किसी किन्तु-परन्तु के सवाल कर रहे थे और साफ झलक जा रहा था कि कुछ बातों के जवाब अभी दिए जाने बाकी हैं.

चैनल की इस पूरी रिपोर्टिंग पर मेरी नजर से एक भी ऐसा कमेंट नहीं गुजरा जिसमें अजीत अंजुम और चैनल को लेकर किसी तरह का शक जाहिर किया गया हो, ये कहा गया हो कि आप किसी खास एजेंडे के तहत ऐसा दिखा रहे हैं. अभी तक इनकी किसी ने ट्रोल करने की कोशिश नहीं की.

मेरे लिए ये सब देखना सुखद इसलिए है कि जब मीडिया आम लोगों के पक्ष में, उनके साथ खड़ा हो जाता है तो राजनीति, प्रशासन और सरकार से जुड़े लोग भी सतर्क हो जाते हैं. इससे मीडिया को मजबूती मिलती है.

यही मीडिया जब सत्ता की जुबान बोलने लग जाता है, अपने कॉर्पोरेट कारोबार के दबाव में चुप हो जाता है, राजनीतिक महत्वकांक्षा के आगे झुक जाता है तो वो कारोबारी लाभ कमाते हुए भी लोकतंत्र का खलनायक हो जाता है. पिछले कुछ साल से ऐसा ही होता आया है.

मर चुकी संपादक संस्था में थोड़ी देर के लिए ही सही, जान आ जाती है तो इससे रिपोर्टर्स को ताकत मिलती है. हम-आप चाहे जितनी ओपिनियन पीस लिख लें, सीधा असर तो फील्ड रिपोर्टिंग का ही होता है.

यदि इस तरह की रिपोर्टिंग लगातार होती रहे, टोन थोड़ी धीमी और मेलोड्रामा तो बिल्कुल भी नहीं, तो ये मीडिया के साथ-साथ लोकतंत्र के लिए भी अच्छा होगा. मीडिया जो ताकत बटोरने कॉर्पोरेट या सत्ता की गोद में जा गिरता है, आम लोग जो हिम्मत और ताकत देते हैं, असल में पत्रकारिता उसी से जिंदा रहती है, रह सकती है.

Continue Reading

Previous पड़ोस में अमन, घर में कलह: मज़बूत सरकार के बावजूद पीस इंडेक्‍स में भारत फिर क्‍यों लुढ़का?
Next झारखण्‍ड : गिरफ्तार पत्रकार रूपेश की पत्नी की दिल्‍ली में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस, जारी की अपील

More Stories

  • Featured

Capt Barak Becomes First Woman Combat Pilot In The Army

8 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Making Sense Of US Mass School Shootings

9 hours ago Shalini
  • Featured

Yasin Malik’s “Gandhian Principle” Contention Rejected By Judge

16 hours ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • Capt Barak Becomes First Woman Combat Pilot In The Army
  • Making Sense Of US Mass School Shootings
  • Yasin Malik’s “Gandhian Principle” Contention Rejected By Judge
  • Case For The Overhaul Of Water Mgmt Mindset
  • “Father’s Death Biggest Learning Experience”
  • No Greater Feminist Than Draupadi And Sita: JNU VC
  • Texas Shooting: Biden Says “We Have To Act”
  • Twin Crises Of Heat & Floods Expose Neglect
  • Polarisation Affecting India’s Growth: Basu
  • Monkeypox: What Is It & How Can We Prevent Its Spread?
  • Af Women TV Presenters Vow To Fight Order To Cover Faces
  • CAA Protests Against Unjust Law, Not Against Sovereign: Umar Khalid
  • Assam: Opposition Decries Bulldozer ‘Revenge’
  • Ukraine: Russian Soldier Jailed For Life In First War Crimes Trial
  • Time To Tax The Rich: Oxfam At Davos
  • ‘Farmers Can Change Govt, If They Want’
  • War Through The Eyes Of Ukrainian Kids
  • ‘Ample Suspicion’ Yet Court Acquits Two Cops Of Tribal Girl’s Rape, Murder
  • Hindu College Prof Held For Post On ‘Shivling’ At Gyanvapi Mosque
  • North India Caught In Vicious Cycle Of Forest Fires, Heatwaves

Search

Main Links

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us

Related Stroy

  • Featured

Capt Barak Becomes First Woman Combat Pilot In The Army

8 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Making Sense Of US Mass School Shootings

9 hours ago Shalini
  • Featured

Yasin Malik’s “Gandhian Principle” Contention Rejected By Judge

16 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Case For The Overhaul Of Water Mgmt Mindset

16 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

“Father’s Death Biggest Learning Experience”

1 day ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • Capt Barak Becomes First Woman Combat Pilot In The Army
  • Making Sense Of US Mass School Shootings
  • Yasin Malik’s “Gandhian Principle” Contention Rejected By Judge
  • Case For The Overhaul Of Water Mgmt Mindset
  • “Father’s Death Biggest Learning Experience”
Copyright © All rights reserved. | CoverNews by AF themes.