Skip to content
Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Primary Menu Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us
  • Featured

दोषी पुलिसकर्मियों पर हो कार्रवाई

Oct 14, 2012 | Pratirodh Bureau

आतंक विरोधी क़ानूनों का बड़े पैमाने पर एक ख़ास समुदाय के ख़िलाफ़ दुरुपयोग हो रहा है और इसे रोकने के लिए पुलिस एजेंसियों को ज़िम्मेदार बनाना होगा. देश में मानवाधिकार संगठनों की ज़िम्मेदारी है कि वो फ़र्ज़ी गिरफ़्तारियों को नए सिरे से देखे. अब तक मानवाधिकार संगठनों में मुआवजा की बात ही अहम रहती है लेकिन अब ज़रूरत है कि दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की वो मांग करे. पीयूसीएल के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर वी सुरेश ने ये बातें कहीं. भारतीय विधि संस्थान में वो दूसरे प्रोफ़ेसर इक़बाल अंसारी स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे. 

 
उन्होंने कहा कि आतंक विरोधी क़ानूनों के तहत गिरफ़्तार होने वाले लोगों के प्रति न्यायालय भी पूर्वाग्रही हो जाता है. निचले स्तर की अदालतों में यह मानसिकता कहीं ज़्यादा पसरी हुई है. न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि एक साथ एक अभियुक्त को कोई कोर्ट दोषी मानता और कोई कोर्ट यह फ़ैसला सुनाता है कि मामले में एक भी सबूत ऐसा नहीं है जिससे अभियुक्त को दोषी माना जाय. दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा की गई ऐसी फ़र्ज़ी गिरफ़्तारियों पर जामिया टीचर्स सोलिडैरिटी एसोसिएशन की हाल ही में जारी रिपोर्ट ‘आरोपित, अभिशप्त और बरी’ को उन्होंने महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसी रिपोर्ट राज्य और सरकार को आईना दिखाती है. 
 
डॉक्टर सुरेश ने कहा कि भारत में असुरक्षा का माहौल तैयार कर मानवाधिकार के दायरे को कसने की तैयारी चल रही है. मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के 1948 के घोषणापत्र का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि  मानवाधिकार की ज़रूरत सामान्य परिस्थितियों से कहीं ज़्यादा आपातकालीन माहौल में होता है. व्याख्यान में उन्होंने कहा, “राज्य यह बताने की कोशिश करता है कि युद्ध की स्थितियों में मानवाधिकार की बात नहीं होनी चाहिए, जबकि यूरोप में युद्ध में हुए जनसंहारों पर ज़ोर देकर मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र ने घोषणापत्र जारी की थी.”
 
उन्होंने मानवाधिकार संगठनों से एक होकर ऐसे मामलों को उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को सज़ा दिलाने की ज़रूरत है ताकि लगातार घटने वाली ऐसी घटना पर लगाम कसी जाए. कई-कई साल जेल काटने के बाद यदि किसी व्यक्ति को बेगुनाह करार दिया जाता है तो यह न सिर्फ निजी तौर पर उसके लिए बल्कि परिवार और पूरे समुदाय के लिए तकलीफ़देह होता है. ऐसी प्रवृति किसी भी लोकतंत्र के लिए एक गंभीर ख़तरा है. 
 
उन्होंने कहा कि राज्य ने आकंत विरोधी क़ानून की आड़ में संवैधानिक और नागरिक अधिकारों की खुले-आम धज्जियां उड़ाई हैं. इसकी मिसाल देते हुए वी सुरेश ने कहा कि जब नरसिंहा राव सरकार में टाडा की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी तो पांच जजों की खंडपीठ में दो-दो लोग इसके पक्ष और विपक्ष में थे. जिस तीसरे जज ने अपने वोट से इसे वैधानिकता दी उनको पदमुक्त होने के तत्काल बाद तीसरे वेतन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया. डॉक्टर सुरेश ने कहा कि यह एक नियोजित डील थी. 
 
डॉक्टर सुरेश ने कहा कि हर सरकार देश में कड़े क़ानून लाने का समर्थक रही है. उन्होंने बताया कि जिस यूपीए सरकार ने पोटा को अवैधानिक करार दिया उसी ने उससे भी कड़े प्रावधानों वाले यूएपीए को लागू किया. 
 
व्याख्यान में लंदन विश्वविद्यालय के शोधार्थी मयूर सुरेश ने देशद्रोह और देशप्रेम की अवधारणा को रोचक तरीके से समझाया. उन्होंने कहा कि क़ानूनी भाषा में देशद्रोह का मतलब सरकार के ख़िलाफ़ विद्वेष फ़ैलाना होता है. इसका यह मतलब है कि सरकार चाहती है कि उसके नागरिक उससे प्यार करे, जबकि प्यार करने, न करने की आज़ादी नागरिक अपने मुताबिक़ तय करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार यदि प्यार करने लायक नहीं होगी तो नागरिकों को ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. 
 
सभा की अध्यक्षता करते हुए तहलका के पूर्व संपादक अजित साही ने कहा, “अनुभव बताते हैं कि टाडा से ज़्यादा ख़तरनाक क़ानून पोटो और पोटा थे जबकि इनसे भी ज़्यादा दमनकारी क़ानून यूएपीए है. हमने टाडा और पोटा के ख़िलाफ़ लड़ाई जीती है और नागरिक अधिकारों के संघर्ष से हम यूएपीए जैसे दमनकारी क़ानूनों को भी ख़त्म करेंगे.” 
 
मानवाधिकार कार्यकर्ता महताब आलम ने व्याख्यान का संचालन किया. इसका आयोजन मानवाधिकार कार्यकर्ता, प्रोफेसर इक़बाल अंसारी के साथियों और उनके विद्यार्थियों ने किया.

Continue Reading

Previous दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल का खोखला सच
Next Insurance does not cover the womb’s woes

More Stories

  • Featured

‘I Hang My Head In Shame’: Kapil Sibal On The State Of Judiciary

9 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Heatwaves Threaten SA’s Women Farmers

10 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Three Dead In Copenhagen Mall Shooting, Cops Probe Terror Angle

17 hours ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • ‘I Hang My Head In Shame’: Kapil Sibal On The State Of Judiciary
  • Heatwaves Threaten SA’s Women Farmers
  • Three Dead In Copenhagen Mall Shooting, Cops Probe Terror Angle
  • Centre Reneged On Promises To Farmers: SKM
  • No Link With Udaipur Killing Accused: Raj BJP Minority Wing
  • Women’s Reproductive Rights In The Shadow Of Roe V. Wade Verdict
  • Floods In Assam Lead To Massive Destruction, Cripple Life
  • Delhi HC Notice To Police On Zubair’s Plea
  • ‘Why Different Treatment For Farmers & Large Businesses?’
  • Ban On Single-Use Plastic Items Kicks In
  • Improving Road Safety Could Save 30K Lives In India Annually: Study
  • At What Point Is A Disease Deemed To Be A Global Threat?
  • Twitter Accounts Linked To The Farm Movement Withheld: SKM
  • ‘Pandemic Is Changing But It Is Not Over’
  • Chopra Set To Win Medal In Stockholm Event
  • Bonn Climate Talks End In ‘Empty Pages’
  • Civilian Deaths In Russia-Ukraine Conflict Very Disturbing: India
  • Kanhaiya Lal Went To Police Claiming Threat To His Life
  • ‘Journalists Shouldn’t Be Jailed For What They Write, Tweet, Say’
  • ‘Muslims Will Never Allow Taliban Mindset To Surface In India’

Search

Main Links

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us

Related Stroy

  • Featured

‘I Hang My Head In Shame’: Kapil Sibal On The State Of Judiciary

9 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Heatwaves Threaten SA’s Women Farmers

10 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Three Dead In Copenhagen Mall Shooting, Cops Probe Terror Angle

17 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Centre Reneged On Promises To Farmers: SKM

18 hours ago Pratirodh Bureau
  • Featured

No Link With Udaipur Killing Accused: Raj BJP Minority Wing

2 days ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • ‘I Hang My Head In Shame’: Kapil Sibal On The State Of Judiciary
  • Heatwaves Threaten SA’s Women Farmers
  • Three Dead In Copenhagen Mall Shooting, Cops Probe Terror Angle
  • Centre Reneged On Promises To Farmers: SKM
  • No Link With Udaipur Killing Accused: Raj BJP Minority Wing
Copyright © All rights reserved. | CoverNews by AF themes.