जिंदल कंपनी ने भीलवाड़ा में मस्जिद तोड़ी
Apr 25, 2012 | भंवर मेघवंशीजिंदल कंपनी के अधिकारी पैसों की धौंस के जरिए जिस प्रकार से धर्मस्थल ध्वस्त करवा रहे है वह भीलवाड़ा जैसे सांप्रदायिक रूप से अतिसंवेदनशील क्षेत्र के लिए बड़े खतरे का संकेत है.
राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के उपनगर पुर की तिरंगा पहाड़ी पर स्थित कलंदरी मस्जिद को अंजुमन कमेटी पुर ने जिंदल सॅा लिमिटेड को 65 लाख रुपए में बेच दिया, इतना ही नहीं बल्कि अंजुमन कमेटी पुर के सदर कासम अंसारी और गुलमंडी जामा मस्जिद के मौलाना हफीजुर्रहमान ने खुद खड़े रहकर इस प्राचीन धर्मस्थल पर जेसीबी चलाकर उसे शहीद करवा दिया.
अंजुमन कमेटी के सदर अंसारी के मुताबिक उन्होंने कौम और इंसानियत की भलाई के नाते यह चबूतरा और दीवार हटवाई थी, उनके मुताबिक यह मस्जिद नहीं थी, क्योंकि उसके दीवारें नहीं थी, नायब सदर रमजान शोरगर का कहना है कि कुछ लोग इस मामले को अनावश्यक तूल दे रहे है. धर्मस्थल की मिट्टी को दूसरी जगह दफना दिया जाएगा. अंजुमन के दोनों पदाधिकारी जिंदल कंपनी से पैसे लेने के आरोप को भी गलत बता रहे है, उनका कहना है कि धर्मस्थल का सौदा नहीं किया गया है.
दूसरी ओर जिला कलक्टर औंकार सिंह का कहना है कि उन्होंने मामले का पता करवाया है, जिंदल व अंजुमन कमेटी पुर के मध्य 65 लाख रुपए में समझौता हुआ है. जिंदल सॅा लिमिटेड के यूनिट हेड बी बी प्रधान का भी दावा है कि हमने अंजुमन कमेटी पुर के सदर को 65 लाख रुपए लोकहित, धर्म एवं विकास के काम के लिए दिए है, इसकी हमारे पास रसीद है.
बरसों पुराने धर्मस्थल का सौदा करके उस पर जेसीबी मशीन चलाकर कलंदरी मस्जिद को नेस्तनाबूद कर देने की जानकारी जैसे ही आम मुसलमानों को मिली मुस्लिम समुदाय के लोग आक्रोशित हो गए, उन्होंने पुलिस चैकी का घेराव किया तथा जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया. पुर निवासी निजाम खां पठान ने पुलिस में आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवा दिया है.
प्रतापनगर थाने के सीआई गोमाराम चौधरी के मुताबिक प्राथमिकी में जिंदल कंपनी के संजीव शर्मा, धर्मेन्द्र गुप्ता, अजय लाल, अंजुमन कमेटी पुर के सदर कासम अंसारी, नायब सदर रमजान शोरगर, मौलाना हफीजुर्रहमान, अल्ताफ शेख तथा नुरुल हसन को आरोपी बनाया गया है. मुकदमा करवाने वाले शख्स निजाम खां का कहना है कि इन सभी ने बरसों पुराने धर्मस्थल को जेसीबी से तुड़वाकर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई है.
तिरंगा पहाडि़यों पर बने इस धर्मस्थल को 65 लाख में सौदा करके तुड़वा देने का मामला आग की भांति फैल गया है, गुलमंडी प्रकरण में पहले से ही नाराज चल रहे मुस्लिम समुदाय को इस घटना ने और अधिक नाराज कर दिया है, पहले ही भीलवाड़ा के मुस्लिम समुदाय ने स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री डॅा. सी.पी. जोशी के कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का फैसला ले रखा है, ऐसे में कलंदरी मस्जिद ढहाने के बढ़ते मामले ने राज्य सरकार को सकते में ला दिया. गोपालगढ़ हत्याकांड से मुस्लिम लीडरों की आलोचना सहन कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया है, उनके निर्देश पर वक्फ बोर्ड के चेयरमेन लियाकत अली, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष माहिर आजाद तथा राजस्थान मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना फजले हक तथा अजमेर पुलिस रेंज के आईजी अनिल पालीवाल ने 20 अप्रेल से ही भीलवाड़ा में डेरा डाल रखा है.
वक्फ बोर्ड के चेयरमेन लियाकत अली का कहना है कि-मस्जिद बोर्ड की संपत्ति है, बोर्ड ने अंजुमन कमेटी को वक्फ हक, स्थानीय हालात और शरीयत के हिसाब से काम करने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने पैसे के लालच में मस्जिद शहीद करा दी. कमोबेश यही कहना है कि राज्य अल्पसंख्यक बोर्ड के अध्यक्ष माहिर आजाद का, वे आक्रोश भरे स्वर में कहते है कि- जिंदल, अंजुमन कमेटी सदर और मौलवी ने स्वार्थ के लिए मस्जिद को तुड़वाया है. आस्तीन के सांपों ने इस्लाम के खिलाफ काम किया है. वापस मस्जिद बनाई जाएगी.
राजस्थान मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना फजले हक के मुताबिक मस्जिद तोड़ना अपराध है, यह इस्लाम और शरीयत के खिलाफ है. दोषी कोई भी हो सजा अवश्य मिलनी चाहिए. निर्माण तोड़ने से पहले न तो प्रशासन और न ही वक्फ बोर्ड से इजाजत ली गई, यह गलत हुआ है. उनका मानना है कि इसमें गहलोत सरकार या जिला प्रशासन की कोई गलती नहीं है. जिला कलक्टर औंकार सिंह ने भी स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी स्ट्रक्चर चाहे वह कितना ही पुराना अथवा जीर्ण-शीर्ण ही क्यों ना हो, उसे प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि यहां जिंदल और अंजुमन कमेटी ने समझौता करके इसे तोड़ दिया है.
अंजुमन कमेटी पुर अभी भी अपने कृत्य को जायज ठहराने की कोशिश में है, समस्त पंच आम मुसलमान समाज संस्था पुर ने मस्जिद की दीवार व चबूतरा तुड़वाने के अंजुमन कमेटी के फैसले को सराहनीय और मुसलमानों के हित में बताया है जबकि आम मुसलमान पुर की ओर से राज्यपाल के नाम कलक्टर को दिए ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि कुछ नेताओं व एक मौलाना ने अपने लाभ के लिए पैसे लेकर कलंदरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया है. कौम पठानान के सदर निजाम खां, अंजुमन सदर उमर खान नीलगर, जिला युवा मस्लिम अध्यक्ष असलम शेख आदि ने मस्जिद का तुरंत पुनर्निमाण करने, क्षेत्र में जिंदल का काम रुकवाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है. अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अनिल पालीवाल का कहना है कि पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है, किसी भी दोषी को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा.
मुस्लिम समुदाय के लोगों की मांग पर जिला प्रशासन ने अपने खर्च पर 20 अप्रेल को देर शाम तक कलंदरी मस्जिद का पुनर्निमाण आरंभ करवा दिया है. जिला प्रशासन, मुस्लिम समुदाय के बड़े लीडर्स और पुलिस के आला अफसर अब भी स्थिति पर नजर रखे हुए है मगर जिंदल कंपनी के इस रवैये के खिलाफ इस इलाके में भयंकर आक्रोश व्याप्त है क्योंकि न केवल कलंदरी मस्जिद बल्कि हिंदु समुदाय के भी कई धर्मस्थल जिंदल सॅा लिमिटेड के खनन इलाके में मौजूद हैं, जिनसे लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है. जिंदल कंपनी के अधिकारी पैसों की धौंस के जरिए जिस प्रकार से धर्मस्थल ध्वस्त करवा रहे है वह भीलवाड़ा जैसे सांप्रदायिक रूप से अतिसंवेदनशील क्षेत्र के लिए बड़े खतरे का संकेत है.
(लेखक खबरकोश डॅाटकॅाम के संपादक है. उनसे bhanwarmeghwanshi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.)