जिंदगी की लय छेड़… कहां तुम चले गए?
Oct 15, 2011 | आशीष महर्षिहर लय की एक तकनीक होती है और हर तकनीक की एक लय. जिन्होंने इसके रिदम को समझा, उन्होंने न सिर्फ अपनी बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी को खुशनुमा बना दिया. जगजीत सिंह और स्टीव जॉब्स ने भी इसे पहचाना और दुनिया को बहुत कुछ दिया.
जिस दुनिया में इतनी नफरत, बेवफाई और अशांति है, इन सब के बीच एक ने अपनी गजलों की लय से तो दूसरे ने तकनीक की लय से लोगों को संभाला. दोनों ने लाखों जिंदगियों को खुशनुमा बनाया. लेकिन बहुत नाराज हूं इन दोनों से. अकेला छोड़ क्यों चले गए तुम दोनों? एक सप्ताह के भीतर तुम दोनों चले गए. ऐसी दुनिया में जहां से तुम्हारी वापसी नहीं हो सकती. लेकिन तुमने मुझ जैसे अनगिनत लोगों को बहुत कुछ दिया है.
मैं भले ही तुम दोनों से कभी मिला नहीं हूं लेकिन तुम हमेशा मेरे जैसे लोगों के साथ रहे और रहोगे.
पहले रुलाया फिर संभाला
जगजीत..मेरी मोहब्बत, दर्द, चाहत, जुदाई..सबके हमराज. तुम्हारा जाना अंदर तक भेद गया. जब भी मोहब्बत की, तुम बड़े याद आए. तुम्हारी आवाज ने मुझे शब्द दिए.
अक्सर लगता था कि मेरे शब्द तुम अपनी आवाज में बोल रहे हो. बचपन में कई बार कागज की कश्ती को बनाकर बहते पानी में बहाया. तब उसका अर्थ समझ में नहीं आया. एक दिन जब तुम्हारी गजल सुनी..वो कागज की कश्ती.बारिश का पानी.तो बचपन की उस कश्ती का अहसास दिल को चीर गया.
जब भी कोई अपना दूर गया..तुम्हारी एक गजल ने हमेशा रुलाया. चिट्ठी न कोई संदेश.न जाने वह कौन सा देश. मेरी खुशी में कम गम में हमेशा तुमने मेरा साथ दिया. तुम्हारी गजलों के साथ मैं रोया. कई रातें.
मैं और मेरी तन्हाईयों के बीच तुम ही तो होते थे, जो मुझे अपनी गजलों से सहारा देते थे. पहले रुलाते थे फिर खुद दुख में शरीक हो जाते थे. तुम भले ही चले गए हो लेकिन तुम्हारी गजलें हमेशा मुझे संभालेंगी. जब भी मैं टूटूंगा, तुम मुझे बिखरने से बचाओगे. तुमने मुझे सिखाया कि दिल जो चाहे वही करो. सफलता जरूर मिलेगी.
दुनिया ही नहीं, जिंदगी बदल दी मेरी
पिछले बरस की ही बात है. एक मीटिंग में बॉस ने पूछा कि आप में से कितने लोग एप्स के बारे में जानते हैं. मेरी तरह अधिकांश लोगों ने ना में जवाब दिया. तब बॉस ने एप्स के बारे में बताया था. मीटिंग खत्म हुई और फिर गूगल से एप्स के बारे में जानकारी खंगालना शुरू किया. खोज स्टीव जॉब्स पर जाकर खत्म हुई.
पहली बार इस शख्स के बारे में कुछ पढ़ रहा था. फिर अभी कुछ दिनों पहले खबर आई कि जॉब्स नहीं रहे. स्टीव, तुम भले ही दुनिया को बदलकर चले गए हो लेकिन तुमने जो इस जहां को दिया है, उसका कर्ज हम कभी भी नहीं उतार पाएंगे.
तुम्हारे बारे में जब भी पढ़ता हूं, बहुत हिम्मत मिलती है. तुमने हर बार अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया और मंजिल की ओर चल दिए. तुमने मुझ जैसे लाखों लोगों को यह सिखा दिया कि दुनिया को बदलने के लिए न तो कॉलेज जाने की जरूरत है और न पारिवारिक पृष्ठभूमि की.
यदि आपके पास हौसला हो, जुनून हो, जज्बा हो तो दुनिया को बदला जा सकता है. तुम्हारे एक आइडिया ने दुनिया को समेट कर रख दिया. आईपॉड, आईपैड, जैसे अत्याधुनिक गैजेट्स देकर पूरी दुनिया को सही मायने में तुमने समेट दिया.
तुमने मुझे सिखाया कि असफलता के बाद भी सफलता आपकी राह देखती है. बस लगातार चलते जाने की आवश्यकता है. भाग्य के भरोसे न बैठें, कर्म करते जाएं. गीता में कृष्ण ने जो कहा, तुमने उसे कर दिखाया.
तुमने मुझे सिखाया कि हार को कभी भूलो मत. हारने के बाद दो कदम पीछे खींचो और फिर सोचो कि तुम्हारी हार क्यों हुई? अपनी कमजोरी को दूर करो और फिर जीतने के लिए आगे बढ़ो. तुम्हारी ये सीख मैं ताउम्र याद रखूंगा. जब भी कभी ठोकर खाकर गिरुंगा, तो घबराउंगा नहीं. फिर उठुंगा और दोगुने जोश के साथ मंजिल की ओर बढूंगा.