Skip to content
Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Primary Menu Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us
  • Featured

इस शहर में गरीब होना भी एक अपराध है

Jan 8, 2012 | Pratirodh Bureau

जयपुर शहर के मौसम में तेजी से परिवर्तन हो रहा है. एक तरफ जहां जयपुर में प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियां जोरों पर है वहीं दूसरी ओर गरीब, बेघर सर्दी की सर्द रातों में ठिठुरन मरने को मजबूर. प्रवासी भारतीय दिवस जो कि 7 से 9 जनवरी 2012 तक मनाया जा रहा है जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रीमण्डल रात आ रहे हैं. उनको दिखाने के लिए एक तरफ करोड़ों रुपए खर्च कर बढि़या सड़कों को तोड़कर दोबारा बनाया जा रहा है. सरकारी इमारतें सजार्इ जा रही है. निजी कम्पनियों ने सारे बोर्ड प्रवासियों के स्वागत में पलक पावड़े बिछाकर लगा दिये हैं. सरकारी अफसर सारे दिन प्रवासी दिवस के नाम पर सिर्फ मीटिंग सारे दिन. 

 
फुटपाथ व्यापारियों को हटा रहे हैं, पुलिस सड़क पर सोने वालों का सामान उठाकर ले जा रही है. अशोक मार्ग पर रहने वाली एक महिला जो कि फुटपाथ पर रह कर अपना जीवन गुजार रही है, पुलिस वाले उसका सामान उठाकर ले गये और मांगने पर उसे सिटी पैलेस, नगर निगम इतना भगाया फिर भी उसे सामान नहीं मिला. आखिर मिले भी क्यों, हमारी सरकार को प्रवासियों को दिखाना जो है हम कितने विकसित हो गये हैं. इस शहर में गरीब होना एक अपराध है. सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर सरकार ने जयपुर में 28 रैन बसेरों की कागजों में सारी व्यवस्था भी कर दी. आखिर हमारे सारे काम कागजों में ही तो होते हैं, परन्तु रैन बसेरों में जाकर देखने पर वहां लोगों से बात करने पर बाहर सो रहे लोगों से बात करने पर सारे सिस्टम की पोल खुल जाती है. पीयूसीएल टीम के सदस्य होने के नाते सर्वे करने पर ये सच सामने आए तो मैं अंदर से एकदम हिल गया. सोचने पर मजबूर हो गया आखिर हम कौन से सिस्टम में जी रहे हैं. इंडिया और भारत में फर्क आँखों के सामने दिखने लगा. समझने की जरूरत ही नहीं पड़ी.
 
खासा कोठी पुलिया के नीचे स्थित रैन बसेरा, जिसकी क्षमता सरकारी आंकड़ों में 25 है. चार जनवरी को गार्ड अशोक व पाँच जनवरी को गार्ड प्रदीप वहां मिला. दोनों के ठेकेदार अलग-अलग हैं. वहां सो रहे लोगों की संख्या 1 जनवरी को 83, 2 जनवरी को 90, 3 जनवरी को 91, 4 जनवरी को 80 व 5 जनवरी को संख्या 82 रिकार्ड रजिस्टर के मुताबिक है, जो कि क्षमता से 3 गुना से ज्यादा है. वहां गद्दों की संख्या मात्र 24, रजार्इ 23 है. जिनमें से अधिकतर ऐसे हैं जो फेंकने की स्थिति में हैं. ठेकेदार ऐसे सप्लार्इ कर रहे हैं कि जो कहीं काम न आए उन्हें रैनबसेरों में काम ले लें. सोच सकते हैं 23 रजार्इ और सोने वाले 82 कैसे सम्भव है. यह तो सिर्फ एक झलक है. हर जगह जितने लोग रैन बसेरों में हैं उससे ज्यादा बाहर सड़कों पर सो रहे हैं. कोर्इ सिर्फ पतली चादर ओढ़कर, कोर्इ प्लास्टिक ओढ़कर सो रहा है. कारण पूछने पर कि रैन बसेरों के अंदर क्यों नहीं सोते, जवाब मिलता है कि कुछ जगह गार्ड रुपए मांगते हैं, कुछ जगह गार्ड अंदर नहीं जाने देते, कुछ जगह भरे हुए मिलते हैं. 
 
कई जगहों पर खाने के लिए कुछ भी नहीं है. अधिकतर लोग भूखे सो रहे हैं. आधे से कम लोगों के लिए खान, दाल के नाम पर पानी. मेरे से जब भूखे रह गए लोगों ने खाना मांगा तो मेरे पास कोर्इ जवाब नहीं था. मैं सिर्फ सुन रहा था और कहीं खो गया. हम मंदिरों में दान के नाम पर करोड़ों रुपए दे देते हैं, सरकार अरबों का टेक्स काट लेती है. आखिरी हमारी भी कुछ जवाबदारी बनती है या नहीं या गरीब भूखा मर जाए. हम अपने अधिकारों की बहुत बात करते हैं, परन्तु अपने दायित्व को भूल जाते हैं. 
 
वैजयन्ती नाम की महिला, जिसका पुत्र उसे पीटता है, रैन बसेरे में महिला कक्ष में खाना खा रही थी. कोर्इ चुपके से 2 रोटी उसे दे आया और खाली डोना उसके पास रख आया. जब देखा तो सिर्फ सुखी रोटी खा रही है तो रहा नहीं गया और गार्ड को कहने पर उसने अपनी दाल से थोड़ी दाल उसे दे दी जो कि सिर्फ ऐसा लग रही थी जैसे पानी मिलाकर दिया हो और उसमें थोड़े से मसाले डालकर जीरा डाल दिया है. उनसे मैंने पूछा, अम्मा आप कैसे खा लेती हें उसने कहा बेटा अब तो आदत हो गर्इ है. बस उसे देखकर आँखों से आंसू की धार निकल पड़ी पर वहां रोऊं तो भी कैसे, उन सबको वहां सबसे बड़ा जो लग रहा था, सोच रहा था कितने किस्मत वाले हैं हम जो हमें सब कुछ मिला है. महिला कक्ष में शराब के पाउच पड़े थे, घड़े में पानी नहीं था. टेंट पूरा नीचे ही रखा था, पूरा कक्ष गंदा, महिला पुरुष कक्ष में कोर्इ फर्क नहीं क्या यही है हमारे देश में महिलाओं की इज्जत या हम सिर्फ अब बातें करने तक सीमित हो गए हैं. 
 
सफार्इ व्यवस्था का तो कहना ही क्या, उसके नाम पर कुछ नहीं है. रैन बसेरे में इतनी बदबू कि आप सो ही ना सके. मेडिकल व्यवस्था के नाम पर सिर्फ कागजों में आर्डर है. डाक्टर का चेकअप के लिए आना तो बहुत दूर की बात है. किसी भी रैन बसेरे में प्राथमिक चिकित्सा बाक्स ही नहीं है. यदि किसी के चोट लग जाए या सर्दी का मौसम है. सिर दर्द करे, बुखार ही हो जाए तो कोर्इ दवा नहीं. वह बस सारी रात तड़पता रहे. आखिर वह करे भी तो क्या. आखिर गरीब है और वो भी बेघर और हमारे शहर में यही तो अपराध है. 
 
पानी व्यवस्था के नाम पर सभी रेनबसेरों में टंकी खुली रहती है जिसमें कभी भी कोर्इ भी जहरीला जानवर गिर सकता. शौचालयों के नाम पर बहुत कम जगह व्यवस्था है. जहां है वहां इतने गंदे की जा भी ना सके. नशा मुक्ति और काउंसिलिंग सेल के नाम पर कुछ भी नहीं है. जबकि सुप्रिम कोर्ट के आदेश के अनुसार ये सब होना चाहिए. आखिर हो भी क्यों इस शहर में गरीब होना पाप जो है. 
 
हर रैनबसेरे में 8 घण्टे की डयूटी के हिसाब से 24 घंटे में 3 गार्ड होते हैं. परन्तु हर जगह सिर्फ 1 गार्ड, वो भी 24 घंटे के लिए और तनख्वाह के नाम पर 6000 रुपए. खासाकोठी सिथत रैन बसेरे में गार्ड को 24 घंटे डयूटी के मात्र 6000 रुपए मिलते हैं. बाकी सारे रुपए ठेकेदार और नगर निगम कर्मचारियों की जेब में जाते हैं. इंस्पेक्टर प्रति गार्ड प्रति माह 1000 रुपए लेता है. ये सारा मंजर तब है जब सरकारी अफसरों से बात हो चुकी है. सभी प्रवासी दिवस की तैयारियों में व्यस्त हें. उन्हें दिखना चाहिए कि आज भी उनके देश में गरीब फुटपाथ पर सोता है. आज भी उसे खाने को रोटी, ओढ़ने को चादर नहीं मिलती है. समझ में नहीं आता कि हमारा देश क्या दिखाना चाहता है.

Continue Reading

Previous EC orders covering of Mayawati statues
Next Stop Victim-Blaming in Cases of Sexual Violence

More Stories

  • Featured

Jamia Nagar Violence: Court Says The Accused Were Made ‘Scapegoats’

1 day ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Originality Is Capacity To Bring Freshness To Old Narratives: Gurnah

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Adani Rise Outcome Of PM Modi’s Patronage: CPI (M)

2 days ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • Jamia Nagar Violence: Court Says The Accused Were Made ‘Scapegoats’
  • Originality Is Capacity To Bring Freshness To Old Narratives: Gurnah
  • Adani Rise Outcome Of PM Modi’s Patronage: CPI (M)
  • How A United South Asia Can Beat Air Pollution
  • Ban On BBC Docu: SC Directs Govt To Produce Original Records
  • Confronting Himalayan Water Woes Before It Is Too Late
  • No Action Against Hate Speeches Despite Our Orders, Laments SC
  • Budget ’23-’24 Has Very Little For Marginalised Sections: Rights Groups
  • Limiting Global Warming To 1.5 Degrees Is Not Plausible: Report
  • I Struggled: Siddique Kappan After Release
  • Why Has West Given Billions In Aid To Ukraine But Ignored Myanmar?
  • How Riots Formed Kolkata’s Ghettos
  • ‘Callous’ Budget, Hopes Of Majority Betrayed: Chidambaram
  • Kerala College Students Break Taboo Around Sex Education
  • Earth Likely To Cross 1.5-Degree Warming In Next Decade: AI Study
  • Covid-19 Remains ‘Global Health Emergency’, Says WHO
  • Working With Natural Materials To Add To The Sustainable Energy Mix
  • Gandhi’s Image Is Under Scrutiny 75 Years After His Assassination
  • Of India’s Online Schooling Emergency And The Lessons Unlearned
  • Opinion: India Raises The Heat On The Indus Waters Treaty

Search

Main Links

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us

Related Stroy

  • Featured

Jamia Nagar Violence: Court Says The Accused Were Made ‘Scapegoats’

1 day ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Originality Is Capacity To Bring Freshness To Old Narratives: Gurnah

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Adani Rise Outcome Of PM Modi’s Patronage: CPI (M)

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

How A United South Asia Can Beat Air Pollution

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Ban On BBC Docu: SC Directs Govt To Produce Original Records

2 days ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • Jamia Nagar Violence: Court Says The Accused Were Made ‘Scapegoats’
  • Originality Is Capacity To Bring Freshness To Old Narratives: Gurnah
  • Adani Rise Outcome Of PM Modi’s Patronage: CPI (M)
  • How A United South Asia Can Beat Air Pollution
  • Ban On BBC Docu: SC Directs Govt To Produce Original Records
Copyright © All rights reserved. | CoverNews by AF themes.