इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक ‘Pm Narendra Modi’ आई थी. लोकसभा के चुनावी माहौल में इसका एक डायलॉग ‘आंखों में देश के लिए इतने सपने हैं कि नींद के लिए कोई जगह नहीं है’ खूब चर्चा में था. 2 मिनट 12 सेकंड के ट्रेलर में भी इसी डायलॉग का जिक्र हुआ था. उस वक्त पीएम मोदी भी रैली और जनसभाओं में ‘सपने’ शब्द के साथ ही उतरे थे. खैर ‘सपने’ का भारतीय जनता पार्टी को सियासी फायदा भी मिला क्योंकि बड़े-बड़े सपनों के बीच बीजेपी को बड़ी जीत मिली . 303 सीटों के साथ बीजेपी ने सत्ता में वापसी की और नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ पीएम की गद्दी पर बैठे. हालांकि सत्ता संभालने के 6 महीने के अंदर ही देश का माहौल ऐसा बन गया कि सपने दफन होते नजर आ रहे हैं. देश के कई हिस्सों में शिवमंगल सिंह सुमन की रचना ‘मेरा देश जल रहा है, कोई नहीं बुझाने वाला.’ का शोर है. इसकी सबसे बड़ी वजह NRC और नागरिकता संशोधन कानून को माना जा रहा है.
मुसलमानों का कोई वास्ता नहीं…
NRC और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो चुकी कई मौतों के बाद रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आया. एक घंटे से ज्यादा लंबे भाषण में मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला और हिंसा में मारे गए लोगों का जिक्र कम ही रहा. हालांकि पीएम ने ये जरूर कहा कि मोदी का पुतला निकालकर जितने जूते मारना है मारो, पुतला फूंकना है फूंको, लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओ. साथ ही NRC को लेकर मोदी ने जो बातें कहीं वे गृहमंत्री के बयान से इतर रहीं. ऐसे में फिर सवाल उठने लगा कि मोदी सच्चे या शाह.
विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 से ही एनआरसी शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई है. कोई बात नहीं हुई है. सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के कहने पर यह असम के लिए करना पड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है. जो लोग देश में झूठ फैला रहे हैं, अफवाह फैला रहे हैं, इन लोगों को पहचानने की जरूरत है. मोदी ने कहा कि अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ है. जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और NRC दोनों का ही कोई वास्ता नहीं है. ये कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए है.
जब हम एनआरसी लेकर आएंगे….
इधर, लोकसभा और राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि देश में एनआरसी लागू होकर रहेगा. लोकसभा सदन में अमित शाह ने कहा था, ‘जब हम एनआरसी लेकर आएंगे देश के अंदर एक भी घुसपैठिया नहीं बचेगा. किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है.’ AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के विरोध पर अमित शाह ने कहा था, ‘एनआरसी का कोई बैकग्राउंड बनाने की जरूरत नहीं है. हम इस पर बिल्कुल साफ हैं कि देश में एनआरसी होकर रहेगा. कोई बैक ग्राउंड बनाने की जरूरत नहीं है. हमारा घोषणा पत्र ही बैकग्राउंड है.’ वहीं, राज्यसभा में बहस के दौरान गृहमंत्री ने कहा था, ‘असम में जो एनआरसी की प्रक्रिया शुरू की गई थी वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अलग तरीके से की गई है. एनआरसी की प्रक्रिया देश भर में होगी, तब असम में भी स्वभाविक रूप से यह प्रक्रिया फिर से शुरू होगी.’ इतना ही नहीं शाह ने झारखंड में आयोजित एक चुनावी रैली में भी 2024 से पहले तक एनआरसी कराने की बात कही थी.
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी का बयान और गृहमंत्री अमित शाह के बयान से बिलकुल उलट है और कौन सच्चा और-कौन झूठा का सवाल भी उठना वाजिब है. बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर देश कई राज्यों में हिंसा हुई है. इसकी चपेट में राजधानी दिल्ली भी रही है. इसके अलावा विदेशों में भी इसे लेकर आवाज उठने लगी है. हाल में जर्मनी में लोगों CAA और NRC को लेकर प्रदर्शन किया था.
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