वो भाग रहा है क्योंकि वो एक मुसलमान है

इन दिनों भीलवाड़ा शहर में सांप्रदायिक तनाव की कुछ घटनाएं हुई है जो इस प्रकार है-

19 दिसंबर 2011 को रात्रि करीब 9 बजे शहर के मध्य स्थित मंगला चैक में वहीं के निवासी अल्पसंख्यक समुदाय के 5-6 लोग अलाव ताप रहे थे कि 6 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए नकाबपोश 12 लोगों ने तलवार, स्टीक, बेसबोल के डंडों व लाठियों से उन पर हमला कर दिया जिससे सलीम, इश्तियास, युनूस तथा जाहिद नामक युवक घायल हो गए. एक नकाबपोश पकड़ा गया जिसका नाम शंभुलाल वैष्णव (20 वर्ष) है तथा एक मोबाइल भी इन हमलावरों का गिर गया जो पुलिस सुपुर्द कर दिया गया. घटना भीमगंज थाने से महज 300 मीटर दूरी पर हुई मगर अल्पसंख्यक समुदाय का कहना है कि पुलिस डेढ घंटा देरी से पहुंची. रात्रि 11.25 पर भीमगंज थाने में प्रथम सूचना 127/11 दिनांक 19.12.11 को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 143, 341, 323, 34, 307 में दर्ज की जाकर अनुसंधान सब इंसपेक्टर रामनिवास को सौंपी गई.
दूसरी ओर संजय कालोनी भीलवाड़ा निवासी शंभुलाल वैष्णव (जो घटना स्थल पर पकड़ा गया था) की ओर से 11 बजे प्रथम सूचना रिपोर्ट 126/11 दिनांक 19.12.11 को भारतीय दण्ड संहिता 143, 341, 323, 307, 34 के तहत शेरिया, अकरम, इरफान, आसिफ, रईस, निसार, हामिद तथा सलीम के खिलाफ दर्ज करवाई जिसमें आरोप लगाया गया कि वह रात्रि 9 बजे अपने भाई संजय वैष्णव तथा दोस्त सागर पांडे के साथ बड़ा मंदिर से दर्शन करके मंगला चैक होते हुए अपने घर जा रहा था तो मुस्लिम समाज के लोगों ने घेर कर लाठी, सरिया, तलवार, तेजाब से बुरी तरह हमला कर दिया तथा जब तक पुलिस नहीं आई तब तक मारते रहे.
तीसरी प्रथम सूचना रिपोर्ट 128/11 दिनांक 19.12.11 को भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 332, 353, 307, 34 तथा पीडीडी एक्ट की धारा 3 के तहत दर्ज की गई, जिसका ब्यौरा इस प्रकार है-
19 दिसंबर 2011 को 9.45 पर जरिए टेलीफोन अज्ञात व्यक्ति ने थाने पर सूचना दी कि मंगला चैक में भारी लड़ाई-झगड़ा हो रहा है, सूचना पर पुलिस जाप्ता कानून व शांति व्यवस्था हेतु मंगला चैक पहुंचा, जहां पर काफी भीड़ एकत्रित हो रखी थी. कुछ 15-20 लोग मिलकर एक व्यक्ति की पिटाई कर रहे थे जो पुलिस को देखकर भाग गए. पुलिस ने घायल व्यक्ति को इलाज हेतु महात्मा गांधी अस्पताल भिजवाया तथा शरारती तत्वों की निगरानी करती हुए गुलमंडी स्थित जामा मस्जिद होते हुए छोटी मस्जिद की गली के सामने पहुंची कि सामने से मुस्लिम समुदाय के 60-70 व्यक्ति हाथों में लाठियां, इंट, पत्थर लेकर आ गए और पुलिस वाहन पर और जाप्ते पर पथराव कर दिया जिससे भीमगंज थाना प्रभारी सहदेव सिंह मीणा तथा अन्य पुलिसकर्मियों को चोटें पहुंची. पुलिस वाहन का आगे का कांच, लाइटें तथा बाडी क्षतिग्रस्त हो गई.
मुस्लिम समुदाय के इन हमलावरों में मुबारिक हुसैन, शेरिया, अकरम, इरफान, आसिफ, रईस डायर, निसार, हमीद, मोइनुद्दीन लुहार, नासिर लुहार, नाजमुद्दीन, समीर मंसूरी, जाकिर, मोहनुद्दीन तथा अब्दुल सलीम तथा 40-50 अन्य लोग भी शामिल थे.
अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने 20/12/2011 को पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा डॉ उमेशचंद्र दत्ता को ज्ञापन दिया जिसमें आरोप लगाया गया कि मंगला चैक में घटी घटना के बाद पुलिस ने गुलमंडी स्थित मुस्लिम बस्ती में धरपकड़ व मारपीट की तथा प्रशिक्षु आईपीएस राहुल कोटोकी तथा भीमगंज के थाना प्रभारी सहदेव सिंह मीणा के साथ भारी पुलिस जाप्ते ने मुस्लिम समुदाय के घरों में दरवाजे तोड़ डाले, घरों में तोड़फोड़ की तथा मुस्लिमों का लक्षित कर अपशब्द कहें तथा निर्दोष लोगों को घरों से निकालकर बुरी तरह से पीटा व गोली मारने तक की धमकी दी. पुलिस द्वारा की गई मारपीट में अब्दुल सलाम (35 वर्ष) तथा सलीम नामक युवक घायल हो गए.
अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के अनुसार शहर में 15-20 समाजकंटक युवाओं का एक समूह है जो आए दिन निर्दोष आम मुस्लिम युवाओं के साथ मारपीट करके शहर की फिजां को खराब करता रहता है, इस प्रकार यह शहर की 7वीं घटना है, इससे पहले हास्पीटल कैंटीन, महावीर पार्क, शहीद चैक, नेहरू रोड़, लव गार्डन तथा शास्त्रीनगर में इस प्रकार का आतंक फैलाया जा चुका है. इस बाबत वर्ष 2009 में प्रथम सूचना रिपोर्ट 806/09 दिनांक 31.12.2009 तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट 807/09, दिनांक 31.12.2009 एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट 664/09, दिनांक 31.10.2009 भी अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा कतिपय लोगों के विरु( दर्ज करवाई गई थी. मगर पुख्ता कार्यवाही के अभाव में समाजकंटकों के हौंसले बरकरार रहे.
दूसरी ओर बहुसंख्यक समुदाय की ओर से भी 23 दिसंबर 2011 को जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया गया जिसमें बताया गया कि – ‘विगत कुछ वर्षों से असामाजिक तत्वों द्वारा शहर का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. ज्ञापन में आशंका जताई गई कि शहर की शांति को भंग करने के पीछे सट्टेबाज, तस्कर और जिस्मफरोशी के कारोबारियों के साथ ही अन्य आपराधिक लोगों का हाथ हो सकता है. जो ईमानदार पुलिस अफसरों को बदनाम करने से भी बाज नहीं आ रहे है. फुलेरिया मालियान संपत्ति समाज संस्थान भीलवाड़ा के अध्यक्ष नंदलाल माली ने आरोप लगाया कि अपराधी किस्म के लोग ही अल्पसंख्यकों को भड़का कर शहर की शांतिभंग करने का प्रयास कर रहे है.
मुस्लिम समुदाय की ओर पुलिस द्वारा नाजायज बल प्रयोग का आरोप लगाते हुए पापुलर फ्रंट आॅफ इंडिया के बैनर तले एक रैली 22 दिसंबर को निकाली गई जिसमें तकरीबन 500 लोग शामिल थे, ये लोग पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों को हटाने और मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे.
इस मामले में राजस्थान प्रांतीय तैलिक साहू युवा महासभा के जिलाध्यक्ष पूरण तेली ने भी पुलिस पर बहुसंख्यक समुदाय के बेगुनाह लोगों को फसाने तथा अल्पसंख्यक समुदाय के द्वारा जबरन मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया, वहीं माली समाज, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा कांग्रेस पूर्वी ब्लाक वार्ड कार्यकारिणी ने पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाते हुए 24 दिसंबर 11 को कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन किया तथा ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करने तथा संपूर्ण घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग की. इस बीच पुलिस ने प्रारंभिक घटना जो 19 दिसंबर 2011 को मंगलाचैक में घटी थी, उस मामले में राहुल छीपा, सागर पांडे, राधेश्याम वर्मा व मेलाश आचार्य को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर ले लिया. जिससे बहुसंख्यक समुदाय के लोगों में रोष फैल गया.
इस बीच मालीखेड़ा में अल्पसंख्यक समुदाय के युवक शहजाद के साथ मारपीट होने तथा उसके घायल होने की बात के फैल जाने से गुलमंडी व शहर के अन्य इलाकों में तनाव व्याप्त हो गया तथा उपद्रव भड़कने की स्थिति पैदा हो गई, पुलिस को गुलमंडी सर्राफा बाजार क्षेत्र में हल्का बल प्रयोग करना पड़ा, जिसमें एक कांग्रेस नेता सलीम के भी चोटें लगी, इससे भी अल्पसंख्यकों में और आक्रोश व्याप्त हो गया, इस दौरान शहर में बाजार बंद हो गए, छीना-झपटी और लूटपाट की भी कोशिशें हुई, पर भारी पुलिस जाप्ते व मुस्तैदी के चलते समाजकंटक तत्व कामयाब नहीं हो सके.
इसी दौरान 23 दिसंबर को मोमीन मोहल्ला निवासी 21 वर्षीय रहमान नामक युवक के रामद्वारा के पास चाकू लगने की घटना हो गई, जिससे शहर का सौहार्द्र फिर से बिगड़ने लगा, पुलिस ने 24 दिसंबर को एक साजिश का भंडाफोड़ किया, जो इस प्रकार सामने आई.
पुलिस अधीक्षक उमेशचंद्र दत्ता कि रमन शर्मा जो कि रहमान बना हुआ था और ड्रग्स का आदी है, उसे 800 रु. देने का वायदा करके तथा ड्रग्स के 15 केप्सूल खिलाकर उसके शरीर पर ब्लेड से कट लगा कर शहर में ‘मालियों ने मारा-मालियों ने मारा’ का हल्ला मचाने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ जनप्रतिनिधियों तथा अन्य मोतबीर लोगों ने तैयार किया. पुलिस पूछताछ में रमन उर्फ रहमान ने बताया कि इस नाटक के लिए 800 रुपए कांग्रेस पार्षद इमरान उर्फ बंटी, नईम मोहम्मद, खालिद, अकरम आदि लोगों ने दिए थे. इनका मकसद शहर में माहौल खराब करना तथा दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी नहीं करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाना था.
सौहार्द्र बिगाड़ने की इस साजिश का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने 24 दिसंबर की देर रात पार्षद गुलमंडी इमरान, नईम, धानमंडी निवासी अकरम तथा भवानीनगर निवासी शरीफ पठान तथा मोमीन मोहल्ला निवासी खालिद व रहमान को गिरफ्तार कर लिया.
साथियों, भीलवाड़ा जैसे सांप्रदायिक दृष्टि से अतिसंवेदनशील जिले में इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं अत्यंत चिंता का विषय है, चंद मुट्ठीभर लोगों की करतूतों से पूरा शहर, पूरा समुदाय बदनाम हो जाता है और शहर की हवाओं में नफरत का माहौल बनने लगता है. निश्चय ही पुलिस ने दंगा फैलाने की साजिश का पर्दाफाश किया, उसके लिए उसे धन्यवाद दिया जा सकता है मगर अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ जिम्मेदार लोगों को भी राजनीतिक एवं प्रशासनिक कारणों से इसमें निशाना बनाया जा रहा है, जिसके लिए हमें सोचना पड़ेगा.
मैं आपका ध्यान एक ऐसे साथी की ओर दिलाना चाहता हूं जिसने सदैव ही कौमी एकता, सांप्रदायिक सद्भाव और गरीबों के मानवाधिकारों के लिए काम किया तथा भीलवाड़ा में इस दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों में भी प्रमुखता से भाग लिया तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों पर हुई ज्यादतियों के खिलाफ पुरजोर आवाज उठाई, उस साथी का नाम है-आबिद हुसैन शेख.
आबिद भाई मांडल मुस्लिम समाज के बरसों तक सदर रहे है तथा वर्तमान में वे अनुसूचित जाति जनजाति अल्पसंख्यक एकता मंच के जिलाध्यक्ष भी है तथा पीयूसीएल से भी जुड़े रहे है, उन्होंने 21 दिसंबर से 23 दिसंबर के दौरान मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिम समाज के लोगों पर की गई पुलिस ज्यादती की बात को पुलिस अधीक्षक, जिला कलक्टर के समक्ष उठाया तथा घायल मुस्लिम युवाओं के मेडिकल करवाए तथा आक्रोशित मुस्लिम युवाओं की रैली का भी नेतृत्व किया, अब भीलवाड़ा की पुलिस आबिद हुसैन शेख जैसे ह्यूमन राइट डिफेण्डर को टारगेट कर रही है तथा 24 दिसंबर की रात से ही उनके पीछे पड़ी हुई है. अब तक पुलिस दो बार उनके घर पर छापा मार चुकी है तथा उनसे जुड़े लोगों पर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है. अभी अभी यह भी पता चला है कि भीमगंज थाने में किसी फर्जी मुकदमे में भी उन्हें नामजद किया गया है.
साथियों, हम सदैव कट्टरपंथियों के खिलाफ रहे है, दंगा-फसाद करने की साजिश रचने की घटना की हम कड़ी निंदा करते है, लेकिन साथ ही हम यह भी चाहते है कि अल्पसंख्यकों के पक्ष में आवाज उठाने की कीमत किसी भी मानवाधिकार कार्यकर्ता को फर्जी मुकदमे और गिरफ्तारी व पुलिस उत्पीड़न या जेल के रूप में नहीं चुकानी पड़े, इसके लिए हमें मिलकर आवाज उठाने की जरूरत है, आप सब साथियों से इस मुश्किल वक्त में मेरी गुजारिश है कि आबिद हुसैन शेख जैसी इंसाफ तथा मुस्लिम समुदाय में उदारवादी आवाजों की रक्षा के लिए त्वरित प्रयास करने चाहिए.
हालात यह है कि पुलिस उत्पीड़न के चलते आबिद हुसैन शेख को भागते फिरना पड़ रहा है, हमें तुरंत उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए. उम्मीद है कि आपका सक्रिय सहयोग मिलेगा.
(भंवर मेघवंशी पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के सदस्य हैं. भंवर से उनके मोबाइल- 9460325948, 9829646720 या ईमेल-bhanwarmeghwanshi@gmail.com के ज़रिए संपर्क किया जा सकता है.)

Recent Posts

  • Featured

‘PM Modi Wants Youth Busy Making Reels, Not Asking Questions’

In an election rally in Bihar's Aurangabad on November 4, Congress leader Rahul Gandhi launched a blistering assault on Prime…

13 hours ago
  • Featured

How Warming Temperature & Humidity Expand Dengue’s Reach

Dengue is no longer confined to tropical climates and is expanding to other regions. Latest research shows that as global…

16 hours ago
  • Featured

India’s Tryst With Strategic Experimentation

On Monday, Prime Minister Narendra Modi launched a Rs 1 lakh crore (US $1.13 billion) Research, Development and Innovation fund…

17 hours ago
  • Featured

‘Umar Khalid Is Completely Innocent, Victim Of Grave Injustice’

In a bold Facebook post that has ignited nationwide debate, senior Congress leader and former Madhya Pradesh Chief Minister Digvijaya…

2 days ago
  • Featured

Climate Justice Is No Longer An Aspiration But A Legal Duty

In recent months, both the Inter-American Court of Human Rights (IACHR) and the International Court of Justice (ICJ) issued advisory…

2 days ago
  • Featured

Local Economies In Odisha Hit By Closure Of Thermal Power Plants

When a thermal power plant in Talcher, Odisha, closed, local markets that once thrived on workers’ daily spending, collapsed, leaving…

2 days ago

This website uses cookies.