दंतेवाड़ा की बैलाडिला पहाडि़यों में लौह अयस्क के खनन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को रोक लगाने का आदेश दे दिया. यहां तीन जिलों के आदिवासी पिछले पांच दिन से खनन के खिलाफ धरने पर थे. वे अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को पिछले साल एनसीएल द्वारा दिए गए खनन के एक ठेके का विरोध कर रहे थे क्योंकि वे उक्त पहाड़ी को भगवान की तरह पूजते हैं.
छत्तीसगढ़ की मशहूर बैलाडीला पहाड़ी से लौह अयस्क निकालने का ठेका अडानी को दिए जाने के खिलाफ़ दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर के करीब 10 हजार आदिवासी शुक्रवार से राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के किरंदुल स्थित कार्यालय के सामने धरने पर थे. आज बस्तर के सांसद दीपक बैज और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुलाकात की. मुलाकात के बाद राज्य सरकार ने वन कटाई पर रोक लगाने, अवैध वन कटाई और फर्जी ग्राम सभा की जांच कराने तथा परियोजना से संबंधित कार्यों पर रोक लगाने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस क्षेत्र में अवैध रूप से वनों की कटाई की शिकायत की जांच की जाएगी. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि खदान हस्तानांतरण आदि प्रक्रिया में पेसा अधिनियम 1996 के तहत वर्ष 2014 में कराए गए ग्राम सभा का पालन नहीं किया गया तथा फर्जी रूप से ग्राम सभा आयोजित की गई. मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि फर्जी ग्राम सभा के आरोप की जांच कराई जाएगी.
सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद पेड़ कटाई का कोई आदेश नहीं दिया गया है- “मेरे पास दस्तावेज हैं, 11 जनवरी 2018 को पेड़ कटाई का आदेश तत्कालीन भाजपा सरकार ने दिया था. बंदूक की नोक पर लोहंडीगुड़ा में भी फर्जी ग्राम सभा हुई थी”.
सोमवार को दिल्ली से लौटने के बाद रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह पिछली भाजपा सरकार का फैसला था और चूंकि नई सरकार के सामने इस विषय को नहीं लाया गया था, इसलिए विभाग ने पुराने आदेश जारी कर दिए.
दंतेवाड़ा जिले की बैलाडिला पर्वत श्रृंखला के नंदाराज पहाड़ पर स्थित एनएमडीसी की डिपॉजिट-13 खदान में खनन का ठेका अडानी समूह को दिया गया है. क्षेत्र के आदिवासी नंदाराज पहाड़ को देवता मानते हैं. उनका कहना है कि वे किसी मूर्ति की पूजा नहीं करते किन्तु वे अपने जंगल, जमीन और पहाड़ को देवता मानते हैं और उसकी बर्बादी नहीं होने देंगे. उनका साफ़ कहना है कि वे अपने पहाड़-जंगल पर कोई खनन नहीं चाहते हैं. आदिवासियों के इस आंदोलन को राज्य के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी समर्थन दिया है.
एनएमडीसी और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के संयुक्त उपक्रम एनसीएल ने नंदराज पहाड़ से लौह अयस्क निकालने के लिये यहां स्थित डिपोज़िट नंबर 13 का ठेका पिछले साल अडानी को दिया था. एनएमडीसी ट्रेड यूनियन ने कंपनी ऑपरेशन के निजीकरण को लेकर इस सौदे का विरोध शुरू किया था, फिर स्थानीय आदिवासी भी इस विरोध में शामिल हो गये. बीते 7 जून से संयुक्त पंचायत समिति के बैनर तले आदिवासियों ने अपना अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था।
बैलाडिला के भंडार संख्या 13 में 315.813 हेक्टेयर रकबे में लौह अयस्क खनन के लिए वन विभाग ने वर्ष 2015 में पर्यावरण मंजूरी दी थी. एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीएमडीसी को संयुक्त रूप से यहां उत्खनन करना था. इसके लिए राज्य व केंद्र सरकार के बीच हुए करार के तहत संयुक्त उपक्रम एनसीएल का गठन किया गया लेकिन बाद में इसे निजी कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को 25 साल के लिए लीज कर दिया गया. डिपाॅजिट-13 के 315.813 हेक्टेयर रकबे में 250 मिलियन टन लौह अयस्क होने का पता सर्वे में लगा है. इस अयस्क में 65 से 70 फीसदी आयरन की मात्रा पायी जाती है.
क्षेत्र में खनन का ठेका पाने के लिए 10 कम्पनियों ने टेंडर दिया था, अंत में ठेका अडानी समूह को मिला था.
In an election rally in Bihar's Aurangabad on November 4, Congress leader Rahul Gandhi launched a blistering assault on Prime…
Dengue is no longer confined to tropical climates and is expanding to other regions. Latest research shows that as global…
On Monday, Prime Minister Narendra Modi launched a Rs 1 lakh crore (US $1.13 billion) Research, Development and Innovation fund…
In a bold Facebook post that has ignited nationwide debate, senior Congress leader and former Madhya Pradesh Chief Minister Digvijaya…
In recent months, both the Inter-American Court of Human Rights (IACHR) and the International Court of Justice (ICJ) issued advisory…
When a thermal power plant in Talcher, Odisha, closed, local markets that once thrived on workers’ daily spending, collapsed, leaving…
This website uses cookies.