बनारस: UPPSC परचा लीक के खिलाफ मशाल जुलूस निकालने वाले छात्रों पर FIR दर्ज

बनारस में सोमवार को यूपी लोक सेवा आयोग के परचा लीक का विरोध कर रहे छात्रों द्वारा मशाल जुलूस निकाले जाने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक छात्रों के खिलाफ सिगरा थाने में आज केस दर्ज किया गया। पुलिस का कहना है कि जुलूस निकालने की सूचना नहीं दी गई थी।

छात्रों को एफआइआर की सूचना स्‍थानीय मीडिया से मिली। छात्र नेता विकास कुमार सिंह ने पूर्वसूचित नहीं किए जाने संबंधी पुलिस के दावे को झुठलाते हुए मीडियाविजिल को बताया, ‘’सूचना थी इन लोगों को पहले से,  हर अखबार में निकला था कि 3 को मशाल जूलूस है और पुलिस भी शुरू से अंत तक थी, किसी ने रोका नहीं बल्कि पुलिस भी मदद की उस दिन जुलूस निकलवाने में।‘’

आज एक्‍सप्रेस की खबर के मुताबिक काशी विद्यापीठ चौकी इंचार्ज अनुज तिवारी की तहरीर पर सिगरा थाने में एनएसयूआइ के छात्रनेता विकास सिंह सहित कई अज्ञात छात्रों के खिलाफ आइपीसी क धारा 283 व 188 के तहत केस दर्ज किया गया है। मीडियाविजिल ने सोमवार शाम जुलूस के बाद फेसबुक लाइव किया था और विकास सिंह, संजीव सिंह व जागृति राही से बात की थी।

सोमवार का मशाल जुलूस भारत माता मंदिर से निकला। छात्रों ने प्रदेश सरकार को आगाह किया कि आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी दोषियों पर कठोर कार्यवाही करते हुये छात्रों एवं युवाओं के भविष्य से जुड़ी परीक्षाओं को पूर्णतया पारदर्शी बनाकर अविलम्ब परीक्षाओं को संचालित नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में व्यापक अन्दोलन होगा।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) में व्याप्त भ्रष्टाचार, जो पिछले दिनों परीक्षा नियंत्रक अंजुलता कटियार और प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमार की साठगांठ से सामने आया, उससे सरकार के क्रियाकलाप पर सवाल उठ रहे हैं। यह घटना सामने आने पर अब प्रदेश सरकार ने अगले वर्ष तक सारी परीक्षाओं को टाल दिया है। ऐसे में प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

छात्रों का कहना है कि राज्‍य सरकार द्वारा उक्त घटना में एसआईटी की जांच की बात कहकर सांत्वना देने का कार्य तो किया है, लेकिन सवाल उठता है कि पूर्व सरकार में हुई नियुक्तियों के मामले में सीबीआई जांच के द्वारा कारवाई की बात भी अब कमजोर हो चुकी है चूंकि ईमानदारी से जांच कर रहे अधिकारी राजीव रंजन को हटा दिया गया था।

छात्र-छात्राओं ने मांग की है कि संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत उप्र लोकसेवा आयोग को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अधीन ला दिया जाए जिससे घोषित कैलेण्डर के तहत परीक्षाएं हों और परीक्षार्थियों का भविष्य सुरक्षित बने।

मशाल जुलूस में प्रमुख रूप से विनय शंकर राय “मुन्ना”, संजीव सिंह, विकास सिंह, जागृति राही, नीरज सिंह, डॉ. अनूप श्रमिक, धनञ्जय, रामायण पटेल, प्रिन्स सिंह राजपूत, अनुराग पांडेय ‘छोटू’ , अवन्तिका, शुभम, युवराज, मो. आदिल, निर्भय, रजत, दीपक, शाश्वत,  शैलेन्द्र शीलू, डॉ. साकेत शुक्ला, रोहन, आदित्य, गोलू, मनीष, अप्पू, प्रदीप यादव, दिलीप मिश्रा, विकास आनंद सहित सैकड़ों छात्र एवं नौजवान शामिल थे।

UPPSC पर्चा लीक के विरोध में गरमाया इलाहाबाद और बनारस, ‘योगी मुर्दाबाद’ के नारे

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