दलित महिला से सामूहिक बलात्कार की कोशिश

भीलवाड़ा जिले के दंतेड़ी गांव के दो गुर्जर युवकों ने एक दलित परिवार की विवाहिता महिला के साथ न केवल बलात्कार करने का प्रयास किया बल्कि विरोध करने पर उसके घर पर धावा बोल कर उसके पति, ससुर, सास तथा देवर के साथ लाठियों से मारपीट की और पीड़िता का पांव तोड़ दिया. करेड़ा क्षेत्र में जमीनों को बेचने से मिले अपार धन के मद में मस्त लोगों की दादागिरी साफ दिखाई दे रही है. दंतेड़ी में बलाई जाति की विवाहित महिला के साथ हुआ बलात्कार का प्रयास इसी का एक उदाहरण है.

करेड़ा थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार 25 अगस्त को 23 वर्षीय कमला देवी (बदला हुआ नाम) अपने खेतों में बकरियां चरा रही थी. सायं करीब 4 बजे दंतेड़ी गांव के गुर्जर जाति के दो युवक गेहरू व भालू गुर्जर वहां आए. उन्होंने दूर से ही कमला को आवाज देकर कुकर्म करवाने को कहा. जब कमला उनके पास नहीं गई तो दोनों उसके पास पहुंच गए और उसे पकड़ कर उसके साथ छेडछाड़ की. उसे घसीटते हुए दूर तक ले गए और निर्वस्त्र कर बलात्कार करने की कोशिश की. बचाव के लिये कमला जोर-जोर से चिल्लाई तो वो दोनों उसे छोड़कर भाग छूटे. कमला वहां से तुरन्त घर गई और अपने पति को पूरी बात बताई. इतने में वो गेहरू व भालू गुर्जर पीड़िता के घर से बाहर होकर जाते हुए दिखे तो पीड़िता के पति ने उन्हें उलाहना दिया. इस पर वो पीड़िता के पति को जातिगत गालियां निकालते हुए तथा जान से मार देने की धमकी देते हुए वहां से चले गए.
अत्याचारियों का इतने से भी मन नहीं भरा तो सायं करीब 6.30 बजे गेहरू व भालू गुर्जर अपनी जाति के अन्य 20-25 लोगों के साथ हाथों में लाठियां लेकर पीड़िता के घर पहुंचे और गालियां देते हुए पीड़िता के परिवार पर हमला कर दिया. पीड़िता ने बताया कि गेहरू व भालू ने यह कहते हुए मुझे उठाकर पटका कि-बलाइटी तूने खेत वाली बात अपने पति को क्यों बताई.
उसने बताया कि जातिगत गालियां निकालते हुए केसु पिता नगजीराम गुर्जर, रेखा पिता बख्तावर गुर्जर, गिरधारी पिता बख्तावर गुर्जर, नारायण पिता बक्षु गुर्जर, मिट्ठु पिता बक्षु गुर्जर, नारायण पिता भोजा गुर्जर, ईश्वर पिता हीरा गुर्जर, राजु पिता हीरा गुर्जर ने मेरी, मेरे पति, सास-ससुर एवं देवर सहित परिवार के सभी जनों के साथ लाठियों से बुरी तरह मारपीट की और भाग गए. परिवार के हम सभी लोग चोटिल हो गए, मेरा पति लहुलुहान हो गया तथा मेरा पैर फेक्चर हो गया. रात में हम भीलवाड़ा गए और चिकित्सालय में इलाज करवाया.
पीड़िता कमला बलाई ने 25 अगस्त को ही रात 11.15 बजे करेड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी. पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 143, 323, 447, 354, 452 तथा अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया तथा मामले की जांच गंगापुर वृत्त के पुलिस उपाधीक्षक सत्यनारायण कन्नौजिया कर रहे है.
डीवाईएसपी सत्यनारायण कन्नोजिया ने बताया कि पीड़िता की लिखित रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. मौका परचा बना लिया गया है तथा पीडि़तों के बयान ले लिए गए है. 30 अगस्त को दंतेड़ी के गुर्जर जाति के लोग मेरे पास आए. उनका कहना है कि कमला बलाई ने कई निर्दोष युवकों के खिलाफ भी रिपोर्ट दी है. कन्नोजिया ने कहा कि 3 सितम्बर को दोनों पक्षों को आमने सामने बिठाकर असली आरोपियों की पहचान कर ली जाएगी.
अभी तक पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है. आरोपी खुलेआम हाथों में लाठियां लेकर घूम रहे है. वहीं दंतेड़ी गांव में दलित बलाई समुदाय के 30-40 परिवार है. इस पूरे घटनाक्रम से सभी परिवारों के लोग सहमे हुए है. पीड़ित परिवार के लोग तो गांव छोड़कर अन्यत्र चले गए है. परिवार के मुखिया का कहना है कि आरोपी हम पर पुनः हमला कर हमें मार सकते है.
एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही क्षेत्र में राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस व भाजपा से जुड़े गुर्जर नेता अपनी जाति के लोगों को बचाने की जुगत में लग गए है. वो पीड़ित पक्ष के लोगों को भावनाओं में बांधकर समझौता कर लेने के प्रयास कर रहे है. कुछ लोग डरा-धमकाकर समझौता करने की प्रयास कर रहे है. तंग आकर दलित परिवार गांव छोड़कर अन्यत्र चला गया है.
शुद्र विकास सेवा संस्थान के संस्थापक गोपाल लालावत का कहना है कि गुर्जरों ने हमसलाह होकर दलित परिवार की महिलाओं व पुरूषों पर लाठियों से हमला कर उन्हें घायल कर दिया, विवाहित महिला के साथ बलात्कार करने की कोशीश की. इतने बड़े संगीन अपराध करने वालों को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है. इससे साफ जाहिर है कि जिले का पुलिस प्रशासन दलितों के प्रति संवेदनशील नहीं है और ना ही यहां के जनप्रतिनिधि संवेदनशील है.
दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान राजस्थान (डगर) के जिला संयोजक महादेव रेगर ने कहा कि अगर दलितों पर अत्याचार करने वालों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में जिला मुख्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा.
(लेखक खबरकोश डॉटकॉम के सह सम्पादक हैं.)

Recent Posts

  • Featured

Killing Journalists Cannot Kill The Truth

As I write, the grim count of journalists killed in Gaza since last October has reached 97. Reporters Without Borders…

3 hours ago
  • Featured

The Corporate Takeover Of India’s Media

December 30, 2022, was a day to forget for India’s already badly mauled and tamed media. For, that day, influential…

7 hours ago
  • Featured

What Shakespeare Can Teach Us About Racism

William Shakespeare’s famous tragedy “Othello” is often the first play that comes to mind when people think of Shakespeare and…

1 day ago
  • Featured

Student Protests Look Familiar But March To A Different Beat

This week, Columbia University began suspending students who refused to dismantle a protest camp, after talks between the student organisers…

1 day ago
  • Featured

Free And Fearless Journalism In The Midst Of A Fight For Survival

Freedom of the press, a cornerstone of democracy, is under attack around the world, just when we need it more…

1 day ago
  • Featured

Commentary: The Heat Is On, From Poll Booths To Weather Stations

Parts of India are facing a heatwave, for which the Kerala heat is a curtain raiser. Kerala experienced its first…

2 days ago

This website uses cookies.