Skip to content
Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Primary Menu Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar – Pratirodh

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us
  • Featured

जब डीजीपी ही सांप्रदायिक हो तो दंगे तो होंगे ही

Nov 26, 2012 | Pratirodh Bureau

रिहाई मंच द्वारा विधानसभा धरना स्थल लखनऊ में आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को छोड़ने और सांप्रदायिक दंगों की जांच की मांग को लेकर हुए धरने में राजनीतिक दलों, उलेमाओं, सामाजिक संगठनों ने सपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा 2014 में मुसलमान सपा को सबक सिखाएंगे. पिछले दिनों दस साल जेल में रहने के बाद निर्दोष बरी हुए कानपुर के मुमताज समेत धरने में पूरे सूबे से आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों तथा इस सरकार में हुए दंगों के पीड़ित परिवार भी मौजूद थे.

 
धरने को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद व माकपा नेता सुभाषिनी अली ने कहा कि सपा सरकार की सांप्रदायिक मानसिकता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि उसने 1992 में कानपुर में हुए दंगे में एसएसपी रहते हुए जिस एसी शर्मा ने खुलेआम दंगाइयों को संरक्षण दिया, जिस पर जांच के लिए आईएस माथुर कमीशन गठित की गई थी, उसे ही डीजीपी बना दिया. 
 
पूर्व सांसद ने कहा कि पूरे सूबे में सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम युवक सालों जेलों में रहने के बाद आतंकवाद के आरोप से बरी हुए हैं जिनकी पुर्नवास व मुआवजे की जिम्मेवारी सरकार को लेनी होगी.
 
मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडे ने कहा कि मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी नीतिगत स्तर पर सरकारों ने करवाई है, इसलिए इन मसलों पर अदालतों के अंदर और सड़क पर भी लड़ना होगा. जहां तक निर्दोषों की रिहाई की बात है तो उनकी जिंदगी तबाह करने के बाद उन्हें छोड़ने पर सरकार को तो मुआवजे के बतौर बेकसूरों को पद्मविभूषण देना ही चाहिए. 
 
इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने सवाल उठाया कि विधानसभा चुनाव में मुलायम ने अपने घोषण पत्र में निर्दोषों का वादा किया था लेकिन उसी कुनबे के एक नेता कह रहे है कि अब किसी को नहीं छोड़ा जाएगा, जो सपा द्वारा मुसलमानों को बेवकूफ समझने की उनकी मानसिकता को दर्शाता है. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खालिद साबिर ने कहा कि आज जरुरत है कि मुसलमान से इस वादा खिलाफी का जवाब तमाम राजनीतिक संगठनों के साथ एकजुट होकर दें, क्योंकि यह सिर्फ मुस्लिमों का सवाल नहीं है, बल्कि यह जम्हूरियत का सवाल है. सोसलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री ओमकार सिंह ने कहा कि जिस सरकार के आठ महीने में दस दंगे हो गए हों उसे सरकार में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
 
रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शुऐब ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को छोड़ने पर यदि सरकार ईमानदार होती तो वह तारिक-खालिद की फर्जी गिरफ्तारी पर गठित आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करती. लेकिन ऐसा करने के बजाय सरकार ने अपने बयानबाजी से ऐसे तत्वों को मौका मुहैया कराया कि वो अदालत में चले जांए और इस मसले पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो जाए. आवामी काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव असद हयात ने कहा कि धारा 321 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र पर सेशन कोर्ट विवेकानुसार यह तय करता है कि मुकदमा वापसी की प्रार्थना को स्वीकार किया जाय कि नहीं, यह प्रश्न जनहित याचिका का विषय नहीं है. माननीय न्यायाधीशों ने यदि यह कहा है कि आज इन्हें छोड़ते हैं तो कल उन्हें पद्म विभूषण भी देंगे, विषय से हटकर की गई टिप्पणी है, जो निचली अदालत के किसी भी संभावित फैसले को प्रभावित करती है. अलबत्ता यह टिप्पणी रिकार्ड पर नहीं है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता पीयूएचआर नेता सतेन्द्र सिंह ने निर्दोषों के सवाल पर हाईकोर्ट के जजों द्वारा की गई टिप्पणी को साम्प्रदायिक जेहनियत और न्यायालय की गरिमा के विरुद्ध बताते हुए कहा कि सरकार बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को नहीं छोड़ना चाहती. अगर वो चाहती तो अपने महाधिवक्ता को इस याचिका में अपना पक्ष रखने के लिए भेजती जो उसने नहीं किया.
 
धरने में रामपुर सीआरपीएफ कांड में आरोपी बनाए गए कुंडा प्रतापगढ़ से कौसर फारुकी के भाई अनवर, मुरादाबाद के जंगबहादुर के बेटे शेर खान, रामपुर के शरीफ के भाई शाहीन ने कहा कि जिस तरह मुस्लिम युवक दस-दस साल तक जेलों में रहने के बाद बेगुनाह साबित होते है वैसे में सरकार को चाहिए कि रामपुर घटना की सत्यता पर सीबीआई जांच कराए. सपा सरकार में मई 2012 में उठाए गए शकील के पिता मोहम्मद यूसुफ अली, भाई इशहाक, जैनब, खदीजा, और आमिना ने शकील की गिरफ्तारी पर जांच आयोग के गठन के मांग के साथ यूपी एटीएस द्वारा उनके परिवार का महीनों तक चले उत्पीड़न पर सवाल उठाया. वहीं संकटमोचन मामले मे उम्र कैद की सजा पाए फरहान के भाई वकार ने पूरे मामले की पुर्नविवेचना की मांग की.
 
धरने में खालिद के भाई शाहिद और तारिक के चचा फैयाज व ससुर असलम ने कहा कि सरकार के पास जब निमेष जांच आयोग की रिपोर्ट है, जिसमें हमारे बच्चों को बेगुनाह बताया गया है तो सरकार उसे क्यों नही जारी कर रही है.
 
धरने को मौलाना जहांगीर आलम कासमी, एडवोकेट रणधीर सिहं सुमन, ताहिरा हसन, जैद अहमद फारुकी, अजय सिंह, मोहम्मद आफताब, मोहम्मद आफाक, कमरुद्दीन कमर, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, आरिफ नसीम, मोहम्द शमी, सलीम राईनी, अहमद हुसैन, हारिस सिद्दीकी, अब्दुल जब्बार, जनार्दन गौड़, अहमद अली, सूफी उबैदुर्ररहमान, सादिक, इसरारउल्ला सिद्किी, केके वत्स, विवके सिंह, अरशद अली, राजीव यादव इत्यादि ने संबोधित किया. धरने का संचालन शहनवाज आलम ने किया.

Continue Reading

Previous Vidarbha: The Epicentre of Suicides
Next A Litmus Test for Cash Transfer of Subsidies

More Stories

  • Featured

A New World Order Is Here And This Is What It Looks Like

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

11 Yrs After Fatal Floods, Kashmir Is Hit Again And Remains Unprepared

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

A Beloved ‘Tree Of Life’ Is Vanishing From An Already Scarce Desert

2 days ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • A New World Order Is Here And This Is What It Looks Like
  • 11 Yrs After Fatal Floods, Kashmir Is Hit Again And Remains Unprepared
  • A Beloved ‘Tree Of Life’ Is Vanishing From An Already Scarce Desert
  • Congress Labels PM Modi’s Ode To RSS Chief Bhagwat ‘Over-The-Top’
  • Renewable Energy Promotion Boosts Learning In Remote Island Schools
  • Are Cloudbursts A Scapegoat For Floods?
  • ‘Natural Partners’, Really? Congress Questions PM Modi’s Remark
  • This Hardy Desert Fruit Faces Threats, Putting Women’s Incomes At Risk
  • Lives, Homes And Crops Lost As Punjab Faces The Worst Flood In Decades
  • Nepal Unrest: Warning Signals From Gen-Z To Netas And ‘Nepo Kids’
  • Explained: The Tangle Of Biodiversity Credits
  • The Dark Side Of Bright Lights In India
  • Great Nicobar Project A “Grave Misadventure”: Sonia Gandhi
  • Tiny Himalayan Glacial Lakes Pose Unexpected Flooding Threats
  • Hashtags Hurt, Hashtags Heal Too
  • 11 Years Of Neglect Turning MGNREGA Lifeless: Congress Warns Govt
  • HP Flood Control Plans Could Open Doors To Unregulated Mining
  • Green Credit Rules Tweaked To Favour Canopy Cover, Remove Trade Provision
  • Cong Decries GST Overhaul, Seeks 5-Yr Lifeline For States’ Revenues
  • Behind The Shimmer, The Toxic Story Of Mica And Forever Chemicals

Search

Main Links

  • Home
  • Newswires
  • Politics & Society
  • The New Feudals
  • World View
  • Arts And Aesthetics
  • For The Record
  • About Us

Related Stroy

  • Featured

A New World Order Is Here And This Is What It Looks Like

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

11 Yrs After Fatal Floods, Kashmir Is Hit Again And Remains Unprepared

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

A Beloved ‘Tree Of Life’ Is Vanishing From An Already Scarce Desert

2 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Congress Labels PM Modi’s Ode To RSS Chief Bhagwat ‘Over-The-Top’

3 days ago Pratirodh Bureau
  • Featured

Renewable Energy Promotion Boosts Learning In Remote Island Schools

3 days ago Pratirodh Bureau

Recent Posts

  • A New World Order Is Here And This Is What It Looks Like
  • 11 Yrs After Fatal Floods, Kashmir Is Hit Again And Remains Unprepared
  • A Beloved ‘Tree Of Life’ Is Vanishing From An Already Scarce Desert
  • Congress Labels PM Modi’s Ode To RSS Chief Bhagwat ‘Over-The-Top’
  • Renewable Energy Promotion Boosts Learning In Remote Island Schools
Copyright © All rights reserved. | CoverNews by AF themes.