मार्क्सवादी दर्शन को आम तौर पर द्वंद्वात्मक भौतिकवाद कहा जाता है. इसका मतलब समझने के लिए थोड़ा उस समय की…
पिछले साल हमने जिन कवियों की जन्मशती मनाई वे हैं शमशेर, नागार्जुन, फ़ैज़, केदारनाथ अग्रवाल आदि. आगामी वर्षों में रामविलास…
विवादों के कारण ही सही प्रेमचंद का साहित्य फिर से ज़ेरे बहस है. दलित साहित्य के लेखकों ने उनके साहित्य…
(यह लेख गोरख पांडे (1945-1989) द्वारा लिखा गया था और मार्क्सिस्ट टु़डे पत्रिका के पहले अंक में छपा था. इसे…
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