एक लेखक की खुदकुशी और सन्नाटा
आज, जब एक लेखक मरा है, एक बुजुर्गवार ने खुदकुशी की है, हम तक सबसे पहले बस्तर को पहुंचाने वाले शख्स’ ने मौत के रूप में एक बार फिर गुमनामी को चुना है, तो सब चुप हैं. कोई बस्तर की अपनी किताब पर पुरस्कार लेकर चुप है, कोई बस्तर के नाम पर विदेशी अनुदान लेकर चुप है, कोई बस्तर की किताब को सीढ़ी बनाकर विदेश में बस चुका है.