‘नो ट्रिपल तलाक़’, बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
इनदिनों ट्रिपल तलाक़ का मुद्दा छाया हुआ है। इससे पहले बिलकुल छाए में था। ठीक उसी तरह जिस तरह धूप लग जाने और रंग स्याह पड़ जाने का हवाला देकर औरतों को बदलती दुनिया की शिद्दत और तपिश से दूर रखा जाता है।
इनदिनों ट्रिपल तलाक़ का मुद्दा छाया हुआ है। इससे पहले बिलकुल छाए में था। ठीक उसी तरह जिस तरह धूप लग जाने और रंग स्याह पड़ जाने का हवाला देकर औरतों को बदलती दुनिया की शिद्दत और तपिश से दूर रखा जाता है।
I clicked on the link and then only I got to know that it is being celebrated to mark historic win over the long battle of LGBT rights in the United States